Chhattisgarh Sakti Chhapora village fake SBI branch disclosure update: छत्तीसगढ़ के सक्ती इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां सिर्फ एक फर्जी अधिकारी या कंपनी नहीं बल्कि पूरा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ही फर्जी निकला. इस फर्जी बैंक में मैनेजर और कर्मचारी भी थे. हालांकि जब पूरा मामला उजागर हुआ तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया.
स्थानीय लोगों ने खुद पुलिस को इस बैंक की धोखाधड़ी की सूचना दी. मामले का खुलासा होने के बाद फर्जी बैंक का मैनेजर मौके से फरार हो गया. फिलहाल पुलिस फरार मैनेजर की तलाश कर रही है. छपोरा इलाके में फर्जी SBI बैंक शाखा संचालित की जा रही थी. बदमाशों ने बड़ी प्लानिंग के साथ इस इलाके को अपने फ्रॉड के लिए चुना था.
दरअसल छपोरा इलाका रायपुर से करीब 250 किलोमीटर दूर है. अंदरूनी इलाका होने की वजह से जालसाजों ने यहां फर्जी तरीके से बैंक शाखा खोल रखी थी. कहां तक पहुंची पुलिस की कार्रवाई? फिलहाल सक्ती पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश कर रही है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बैंक में नौकरी के लिए किए गए सभी ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिए किए गए थे। अब इसे ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। आरोपियों के फोन नंबर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने जो पते दिए थे, वे सभी फर्जी थे।
पहले जानिए कैसे हुई कर्मचारियों की नियुक्ति
वैभवी कॉम्प्लेक्स में खुली इस कथित ब्रांच में 6 युवाओं को नियुक्ति दी गई। इन युवाओं से 2 लाख से लेकर 6 लाख रुपए तक लिए गए। देश के सबसे बड़े बैंक में नौकरी की चाहत में पैसे देने के लिए युवाओं ने कर्ज लिया और गहने तक गिरवी रखे।
इन युवाओं को इंटरव्यू के जरिए चयनित किया गया। फिर ट्रेनिंग के नाम पर बुलाया गया और चयन के बाद कर्मचारियों को ऑफर लेटर भी दिए गए, जो देखने में असली जैसे थे। इसके बाद इन्हें अलग-अलग जिले में नियुक्ति देने की बात कही गई।
इन ऑफर लेटर के जरिए कथित ब्रांच में मैनेजर, मार्केटिंग ऑफिसर, कैशियर और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पदों पर कर्मचारियों को काम पर रखा गया था। फर्जी ब्रांच खुले 10 दिन ही हुआ था। इससे पहले की बड़ा घोटाला करते इसका भंडाफोड़ हो गया।
जानिए कैसे पकड़ी गई SBI की फर्जी शाखा
गांव में SBI ब्रांच खुलने से गांव के लोग बहुत खुश थे। कई तो वहां जाकर खाता खुलवाने और काम शुरू करने के लिए लोन की जानकारी लेने तक पहुंचने लगे थे। इनमें स्थानीय ग्रामीण अजय कुमार अग्रवाल भी थे। वह 27 सितंबर को ब्रांच में अपना खाता खुलवाने के लिए पहुंचे थे।
उन्हें बताया गया कि, अभी सर्वर नहीं जुड़ा है। ऐसे में खाता नहीं खुल सकेगा। इस पर उन्होंने खाता खुलवाने के लिए दस्तावेज मांगे। उस पर ब्रांच कोड नहीं लिखा था। बाहर बोर्ड और अन्य जगह भी ब्रांच कोड नहीं था। इसके बाद वह डभरा स्थित ब्रांच पहुंचे और शिकायत की।
इसी दिन डबरा ब्रांच मैनेजर शेखर राज छपोरा गांव पहुंच गए। उन्होंने बताया कि, रोजाना फील्ड पर रहना पड़ता है। यहां देखा कि SBI का बोर्ड लगा है। वहां पूछताछ करने के लिए पहुंचा तो कर्मचारी गोल-मोल जवाब देने लगे। इसके बाद अफसरों को इसकी सूचना दी।
कैसे चल रहा था बैंक?
छपोरा गांव में पूरे सेटअप के साथ फर्जी बैंक शाखा संचालित की जा रही थी। इस शाखा में 7 कर्मचारी मौजूद थे, जिनकी कथित तौर पर इंटरव्यू के जरिए भर्ती की गई थी। यहां तक कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए भी भेजा गया था। फर्जी शाखा का संचालन फर्जी बैंक मैनेजर कर रहा था। फिलहाल वह फरार हो गया है।
ग्रामीणों ने इस संदिग्ध शाखा की गतिविधियों की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की थी। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। फिलहाल कथित बैंक का मैनेजर पंकज भाग निकला है। पुलिस ने इस मामले में पंकज, रेखा साहू, मंधीर दास के खिलाफ FIR दर्ज की है। वहां से मिले कंप्यूटर सहित अन्य कागजात जब्त कर लिए हैं।
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