Chhattisgarh Raipur Prayas School students protest: छत्तीसगढ़ के रायपुर के सड्डू विधानसभा मुख्य मार्ग पर प्रयास छात्रावास के कक्षा 10वीं के छात्रों ने अपनी समस्याओं को लेकर सड़क जाम कर दिया। छात्रों का आरोप है कि स्कूल में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें नहीं हैं। शिकायत करने पर शिक्षक हमें निकालने की धमकी देते हैं। मंत्री ओपी चौधरी को हमारी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
छात्रों का कहना है कि अब पहले जैसी पढ़ाई नहीं हो रही है। प्रशिक्षण अधिकारियों को रिश्वत देकर भगा दिया जाता है। प्रशासनिक अधिकारी मंजुलिक तिवारी सालों से छात्रावास निरीक्षण के लिए नहीं आती हैं। महीनों छुट्टी पर रहती हैं। यहां न तो लैब है और न ही कंप्यूटर लैब अपडेट है।
शिकायत करने पर टीसी देने की धमकी
छात्रों ने बताया कि 340 बच्चों के लिए सिर्फ एक या दो शौचालय खुले हैं। बाकी पर ताला लगा है। लैब पूरी तरह खाली है। छात्रावास में काम के नाम पर सिर्फ बाहरी दीवारों पर पेंटिंग की जाती है। जब छात्रावास में आग लगने की घटना हुई थी, उस समय कलेक्ट्रेट से एक मैडम आई थीं। उन्होंने 2 पेज की रिपोर्ट तैयार की, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ।
जानिए जिम्मेदारों ने क्या कहा
बायो टीचर दीपक चौधरी ने कहा कि, “यहां बच्चों को अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई गई है, जैसे 9वीं और 10वीं के लिए हमारे प्रयास में एनटीएससी की परीक्षा है जिसे सरकार ने रोक दिया है। फिर भी बोर्ड की तैयारी के साथ इस बार भी एनटीएससी की किताबें यहां उपलब्ध कराई गई हैं। अब बच्चे उच्च स्तरीय किताबें मांग रहे हैं, हम उन्हें कैसे उपलब्ध करा सकते हैं। जहां तक बाथरूम की बात है तो शिक्षकों के लिए अलग से कोई वॉशरूम नहीं है, हम भी उसी वॉशरूम में जाते हैं, सभी शिक्षक उसी वॉशरूम का इस्तेमाल करते हैं जिसका बच्चे इस्तेमाल करते हैं।”
प्रशासनिक अधिकारी मंजुला तिवारी ने कहा कि, हमें टीसी देने की अनुमति नहीं है। टीसी देने के लिए हमें उच्च अधिकारियों से पूछना पड़ता है। हम कमिश्नर कार्यालय में पूछे बिना किसी बच्चे को टीसी नहीं दे सकते। जब अभिभावकों की मांग पर भी हम किसी को टीसी नहीं दे सकते तो अचानक किसी को कैसे दे सकते हैं। अगर बच्चे गलत व्यवहार करते हैं तो हम उन्हें अधिकतम 15 दिन के लिए प्रतिबंधित कर देते हैं, इसके अलावा टीसी देना हमारे हाथ में नहीं है।
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