
Chhattisgarh liquor scam Kawasi Lakhma arrest TM Singhdev statement: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार होने के बाद लखमा ने अपनी अशिक्षितता का हवाला देते हुए कहा कि अधिकारी जहां भी कहते थे, वहां हस्ताक्षर कर देते थे। अब मामले में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि फाइलों में कोई डील नहीं होती। जिसे भ्रष्टाचार या कमीशन कहा जा रहा है। अगर होता है तो फाइल में कोई नहीं लिखता कि किसका कितना हिस्सा होगा।
सिंहदेव ने कहा कि, फाइल में सिर्फ नीति होती है। बाकी चीजें बाहर की होती हैं। समाज की सच्चाई यह है कि अगर कोई सत्ता में है, तो वह 19-20 है। लेकिन जो लोग उस समय सरकार में होते हैं, उनकी जिम्मेदारी होती है कि जहां भी गलत हो रहा हो, वहां जाकर उसे रोकें। ईडी की कार्रवाई की प्रक्रिया को सजा बना दिया गया है।
ईडी ने पहले गिरफ्तारी क्यों नहीं की
टीएस सिंहदेव ने कहा कि ईडी की कार्रवाई की प्रक्रिया को सजा बना दिया गया है। लंबे समय से जमानत नहीं मिलती, सिर्फ आरोप लगते हैं। अगर ईडी के पास कोई सबूत है। तो पहले गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई।
चार्जसीट पर भूपेश का नाम
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टारगेट करने के सवाल पर टीएस ने कहा कि भूपेश बघेल पहले से ही निशाने पर रहे हैं, उनका नाम चार्जशीट में भी है। उन्होंने कहा कि अगर सबूत हैं तो आरोप क्यों लगाए, कार्रवाई क्यों नहीं की? सिंहदेव ने कहा कि महादेव ऐप में भी आरोप लगाए गए लेकिन कोई सबूत नहीं मिला।
बघेल बोले- छापेमारी में 1 रुपया भी नहीं मिला
गुरुवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भूपेश बघेल ने कहा कि, कवासी लखमा के यहां छापेमारी में 1 रुपया भी नहीं मिला। छापेमारी में दस्तावेज भी नहीं मिले, वे वैसे भी अनपढ़ हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सुशासन सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। मामला यहीं नहीं रुका, कुछ दिन बाद बीजापुर में सड़क में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई।
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