शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री गिरफ्तार: कवासी लखमा 7 दिन की ED रिमांड पर, कहा- शाह-मोदी के इशारे पर हुई कार्रवाई

Chhattisgarh Liquor Scam Former Excise Minister Kawasi Lakhma arrested: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को वे तीसरी बार पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे। पूछताछ के दौरान ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में उनके बेटे भी आरोपी हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
कोर्ट ने कवासी लखमा की रिमांड 21 जनवरी तक ईडी को दे दी है। कोर्ट में पेश होते हुए कवासी लखमा ने कहा कि मेरे पास से एक भी रुपया बरामद नहीं हुआ, न ही कोई दस्तावेज मिला। शाह, मोदी और पूरी भाजपा सरकार फर्जी केस बनाकर मुझे परेशान कर रही है। मैं बस्तर की आवाज उठाता रहूंगा।
लखमा अपने सीए के साथ नहीं आए
ईडी अधिकारियों ने आज पूछताछ के लिए कवासी को उनके सीए के साथ बुलाया था। लेकिन वे अकेले ही ईडी कार्यालय पहुंचे। लखमा ने कहा कि उनके सीए बाहर हैं, इसलिए वे नहीं आए हैं। लखमा अपने बेटे के साथ आए थे, हालांकि उनके बेटे हरीश लखमा को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इससे पहले उनसे 8-8 घंटे पूछताछ हो चुकी है
इससे पहले ईडी अधिकारियों ने उनसे और उनके बेटे हरीश लखमा से दो बार 8-8 घंटे पूछताछ की थी। कार्यालय के अंदर जाने से पहले लखमा ने कहा कि देश कानून से चलता है, अगर वे मुझे कानून के मुताबिक बुलाएंगे तो मैं 25 बार आऊंगा। ईडी अधिकारी जो भी सवाल पूछेंगे, मैं उसका जवाब दूंगा। मैं उनका सम्मान करूंगा।
ईडी को मिले अहम सबूत
सूत्रों के मुताबिक कवासी लखमा ने ईडी को कांग्रेस सरकार के दौरान चले शराब के गोरखधंधे की जानकारी दी है। इस पूछताछ के दौरान लखमा ईडी अधिकारियों को अनपढ़ होने और दस्तावेज में लिखी बातें न समझ पाने की बात कहकर उलझाते रहे।
हालांकि ईडी ने आधिकारिक तौर पर इस पूछताछ के बारे में कुछ नहीं कहा है। लखमा के घर छापेमारी के बाद निदेशालय ने कहा था कि पूर्व मंत्री ने कमीशन लिया था। अब ईडी जल्द ही इस मामले में कुछ नई गिरफ्तारियां करने की तैयारी में है।
डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेचने का आरोप
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज की है। दर्ज एफआईआर में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का जिक्र है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
ईडी द्वारा दर्ज एफआईआर की जांच एसीबी कर रही है। एसीबी से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई। जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
ईडी ने कार्रवाई पर क्या खुलासा किया
28 दिसंबर 2024 को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर पर छापा मारा था। टीम रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले पर पहुंची थी। पूर्व मंत्री की गाड़ी को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई। साथ ही चौबे कॉलोनी स्थित कवासी के करीबी सुशील ओझा के घर और सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश लखमा और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी छापेमारी की गई।
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