रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद शराबबंदी की बात कही थी, लेकिन जिससे सबसे ज्यादा मुनाफा हो, भला उसे कौन बंद कर सकता है। अपने पैर पर कौन कुल्हाड़ी मारना चाहेगा। प्रदेश में शराबबंदी तो नहीं हुई, लेकिन राजधानी रायपुर में लूटम-लूट जरूर मची हुई है। कहीं MRP से ओवर रेट शराब बिक रही, तो कहीं खुले आम अहाता सेंटर चल रहे हैं। तो कहीं शराब भट्टी में गुंडागर्दी की जा रही है. शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होती है। ऐसे में आबकारी विभाग से सांठसांठ की बू आ रही है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि किसको कितना कमीशन जाता है। माजरा क्या है साहब।
दरअसल आबकारी विभाग की तो यहां सबकुछ ठीक नहीं है। विभाग हर क्षेत्र में कड़ी नजर तो रखता है पर नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है। हालात ये हैं कि नियमों के उल्लघंन पर कोई कड़ी कार्रवाई भी विभाग की तरफ से नहीं दिख रही है। आने वाले समय में चुनाव के कारण विभाग ने बाहर से तो सब ठीक ठाक रखा है लेकिन अंदर से नियमों को दरकिनार करना लकड़ी में लगे दीमक की तरह विभाग को खोखला करता जा रहा है।
जहां एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार ने अहाता पर रोक लगाई है। वहीं आबकारी विभाग की नाक नीचे ही अहाताओं का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हर छोटे-बड़े अधिकारी राउंड पर निकलते हैं तो क्या उन्हे अहाता नहीं दिखता ? और अगर दिखता है तो वह उसपर कार्रवाई क्यों नहीं करते?
रायपुर की भट्टी में अहाता और ओवर रेटिंग
राजधानी रायपुर की डूमरतराई देसी अंग्रेजी, राजेन्द्र नगर की देसी अंग्रेजी, रायपुर, सरोना भाटा गांव इन शराब दुकानों में जमकर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। आए दिन इससे रिलेटेड वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। जिसमें लोग शिकायत करते हुए दिख रहे हैं कि शराब की दुकानों में ओवर रेटिंग हो रही है।
वहीं दूसरी ओर इन्हीं भट्टियों में खुलेआम अहाता भी चलाए जा रहे हैं। इन शराब दुकानों के प्रभारी अनिल मित्तल है, लेकिन उनके द्वारा शिकायतों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। पिछले दिनों भाटा गांव शराब दुकान में कर्मचारियों के मारपीट की घटना भी सामने आई थी उस पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
राजधानी रायपुर में यहां हो रहा अहाता का संचालन
सरकार ने शराब दुकानों में चल रहे अहातों पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद शहर के 15 से ज्यादा शराब दुकानों के परिसर में अहाता दिनदहाड़े कारोबार कर रहा है। रायपुर शहर के भाटागांव, लाभांठीह, काठाडीह, मोवा, एमजी रोड, जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में अहाता का संचालन किया जा रहा है।
इसके अलावा शहर के बाहरी इलाकों में भी अहाता संचालन जोरो से किया जा रहा है। इसके अलावा विभाग अहाता संचालन पर सरकार की तरफ से रोक लगाकर रखने का दावा करता है।
क्या कहते हैं नियम?
आबकारी नियमों के मुताबिक चखना सेंटर शराब दुकान से 50 मीटर से कम दूरी पर नहीं होने चाहिए। विभाग के वर्ष 2021-22 के नियम के अहाता संचालन के लिए प्रति अहाता 2 लाख रुपए शुल्क की तरह लेने का प्रस्ताव था। लेकिन कोरोना के प्रभाव के कारण अब तक इस व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका है।
वहीं शराब दुकानों से 500 मीटर तक के दायरे में किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ के ठेले को प्रतिबंधित किया जाना भी नियम में है। वर्ष 2022- 23 की आबकारी नीति में अहाता संचालन करने के लिए लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रिया और प्रावधान नहीं है। वहीं पॉलिटिकल सपोर्ट से कुछ लोग शराब दुकानों के बगल में धड़ल्ले से अहाते संचालित कर रहे हैं और अहाते से हर माह लाखों रुपए की अवैध कमाई कर रहे हैं।
क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी?
आबकारी विभाग रायपुर के अधिकारियों से एमपीसीजी टाइम्स के संवाददाता ने बात करनी चाही, लेकिन प्रशासन से किसी भी तरह का संपर्क नहीं हो पाया।
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