
Chhattisgarh Kondagaon Deepawali diya that burns 24 hours: दिवाली आते ही दीयों की मांग बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के कुम्हार अशोक चक्रधारी (62) ने 24 घंटे जलने वाला मिट्टी का दीया बनाया है। अशोक कहते हैं कि उनका इरादा 9 दिनों तक लगातार जलने वाला दीया बनाने का है।
अशोक कहते हैं, हम पीढ़ियों से मिट्टी की कला पर काम कर रहे हैं। मैंने यह काम अपने पिता से सीखा है। यही मेरी कला है और यही मेरा रोजगार भी है। मेरी तीनों बेटियां मेरी मदद करती हैं। मैं अपनी कला को और बेहतर बनाने के लिए नए-नए आइडिया सोचता रहता हूं। कुछ ऐसा बनाता रहता हूं जो लोगों के काम आ सके।
पहले जानिए दीया कैसे काम करता है
अशोक के मुताबिक, दीये में एक बार 200 ग्राम तेल डालना होता है। रुई की बत्ती पर तेल की सिर्फ एक बूंद गिरती है। दीया दो हिस्सों में बनता है। नीचे वाले हिस्से में बत्ती लगाई जाती है और ऊपर एक गोलाकार बर्तन होता है, जिसमें तेल भरा जाता है। पहले सीधे तेल डालें, फिर उसे उल्टा कर दें। जिससे यह दीया 24 घंटे जल सकता है। अशोक कहते हैं कि अभी वे 48 घंटे और 72 घंटे जलने वाला दीया बनाने पर काम कर रहे हैं। वे ऐसा दीया बनाना चाहते हैं जिसका इस्तेमाल नवरात्रि में किया जा सके।
यूट्यूब वीडियो देखने के बाद आया आइडिया
अशोक कहते हैं कि, 2019 में दिवाली से पहले मैं दीया बनाने के लिए नए डिजाइन के बारे में सोच रहा था, तभी मैंने यूट्यूब वीडियो में एक दीया देखा जो काफी देर तक जलता था। इसमें तेल भरने के लिए एक टैंक था। दीया खाली नहीं होता था और जलता रहता था।
उन्हें यह काफी दिलचस्प लगा। इसके बाद उन्होंने खुद दीया बनाना शुरू कर दिया। 5-6 बार कोशिश करने के बाद उन्होंने 1 हफ्ते में इसे बना लिया। अशोक कहते हैं, हर बार मैंने बेहतर डिजाइन बनाया और उसे जलाकर परखा। इस तरह 24 घंटे तक लगातार जलने वाला दीया बना।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
अशोक ने अपने बनाए दीये का वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। इसके बाद यह इतना लोकप्रिय हुआ कि देशभर से इसके ऑर्डर आने लगे। अशोक कहते हैं कि दिवाली पर इतने ऑनलाइन ऑर्डर आते हैं कि वह समय पर सप्लाई नहीं कर पाते हैं।
पहले साल 100 दीये बिके थे। दूसरे साल उन्होंने दुर्गा पूजा के दौरान भी इसे बनाया। अशोक ने इस दीये का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जो वायरल हो गया। अशोक चक्रधारी ने बताया कि दीये को पूरी तरह हाथ से बनाना पड़ता है।
कुम्हारपारा पंचायत में 300 से ज्यादा परिवार
कोंडागांव में कुम्हारों के 300 से ज्यादा परिवार हैं। कुम्हारपारा पंचायत शहर से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अशोक चक्रधारी ने बताया कि उनकी अपनी दुकान नहीं है। आसपास के गांवों में रहने वाले लोग उनके घर आते हैं और उनकी बनाई कलाकृतियां खरीदते हैं।
देश भर से हजारों दीयों के ऑर्डर मिलने लगे और लोग इसे जादुई दीया कहने लगे। अब इसे स्थानीय स्तर पर 300 रुपये और ऑनलाइन ऑर्डर पर 485 रुपये में बेचा जा रहा है। देशभर से लोग अब इस दीये को ऑर्डर करने लगे हैं। अब दीये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेचे जा रहे हैं। यहां तक कि विदेशी पर्यटक भी यहां आकर उनके द्वारा बनाई गई मिट्टी की कला को देखना नहीं भूलते।
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