गिरीश, गरियाबंद। ये छत्तीसगढ़ का गरियाबंद है साहब. यहां विकास के नाम पर करप्शन के पन्ने लिखे जाते हैं. सांठगांठ और जुगाड़ पर सिस्टम बौना पड़ ताजा है. सरकारी सिस्टम चढ़ावे के दम पर रोज नया इतिहास लिखता है। कुछ चतुर गेमबाज सरकार को जीभर के चूना लगाते हैं. हम बात कर रहे हैं 15 लाख में बने चेक डैम की, जो 15 दिन में ढह गया। अब करप्शन पर पर्दा डालने पंचायत पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है।
Chhattisgarh Gariaband 15 Lakh Check Dam Washed Away in Rain: दरअसल, गरियाबंद के चलनापदर पंचायत द्वारा बनाए 14.50 लाख का चेकडैम 15 दिन में ढह गया। स्थल चयन से लेकर प्लंथ निर्माण तक मापदंड को आरईएस विभाग ताक में रखा गया। पुल टूटा तो खुद जांच करने पहुंच गए। अब जिम्मेदार करप्शन पर पर्दा डालने पंचायत पर ठिकर फोड़ रहे हैं।
पहली बारिश ने खोली करप्शन की पोल
Chhattisgarh Gariaband 15 Lakh Check Dam Washed Away in Rain: मैनपुर ब्लॉक के चलनापदर के डाकरेल नाला में मनरेगा योजना के तहत 14.50 लाख रुपए की लागत से चेक डैम बनाया गया था, लेकिन पहली बारिश ने चेक डेम की गुणवत्ता के साथ ही कमीशनखोरी की पोल खुल गई। 2 दिन पहले चेकडेम टूट कर कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया।
जिला सीईओ के निर्देश पर जांच
Chhattisgarh Gariaband 15 Lakh Check Dam Washed Away in Rain: मामले का खुलासा हुआ तो जिला सीईओ रीता यादव ने मैनपुर जनपद को जांच के आदेश भी दिए। मंगलवार को आरईएस एसडीओ उत्तम चौधरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल मौके पर जांच करने पहुंचा।
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निर्माण एजेंसी की लापरवाही सामने आई
Chhattisgarh Gariaband 15 Lakh Check Dam Washed Away in Rain: एसडीओ उत्तम चौधरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट जिला को भेजी जाएगी। कार्रवाई ऊपर से की जाएगी। निर्माण एजेंसी की लापरवाही सामने आई है। स्थल चयन में लापरवाही बरती गई है।
गड़बड़ी के जिम्मेदार को ही जांच का जिम्मा
निर्माण कार्य में स्थल चयन से लेकर ले आउट, प्लंथ निर्माण से लेकर पूरी स्ट्रक्चर को निर्माण एजेंसी आरईएस विभाग के इंजिनियर एसडीओ की देख रेख में करता है। तकनीकी अफसरों ने इसकी भौतिक सत्यापन कर बिल आहरण की तयारी कर रहे थे।
Chhattisgarh Gariaband 15 Lakh Check Dam Washed Away in Rain: टूटे डेम में 4 मीटर प्लिंथ के बजाए केवल डेढ़ मीटर प्लिंथ किया गया है,जोड़ के लिए अमानक मटेरियल का इस्तेमाल भी हुआ है,लेकिन मामले में संलिप्त अफसरों के जांच से यह गड़बड़ी सामने नही आ पाएगा।
20 प्रतिशत कमीशन पर काम- बीजेपी नेता
मामले में भाजपा के के व्यापारी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष शोभा चंद पात्र ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाया है। शोभा चंद ने कहा कि मांग पर निशुल्क मिलने वाला काम कांग्रेस के समय में 20 प्रतिशत कमीशन पर दिया जाने लगा।
निर्माण पूरा होते तक फाइल आगे बढ़ाने और 20 प्रतिशत कमीशन तकनीकी मामले में खर्च होता है। इसी सुविधा शुल्क के चलते अब मनरेगा का मटेरियल वर्क गुणवत्ता हीन हो गया। जहां जरूरी नहीं वहां भी काम की मंजूरी कमीशन पर दी जाने लगी।
शोभा ने कहा कि कांग्रेस के समय से जमे प्रभावशाली अफसर आज भी अपने कुर्सी में जमे हुए है। सत्ता बदली पर वे अपना पैटर्न नहीं बदले है। इससे सरकार की छवि धूमिल हुई है।
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