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नक्सल मुठभेड़ में 2 ग्रामीणों को मारने का आरोप: माओवादियों ने पर्चा जारी नक्सलियों ने किया दावा

Chhattisgarh Bijapur villagers encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 8 नवंबर को हुई मुठभेड़ में 3 नक्सलियों की मौत के पुलिस के दावे को नक्सल संगठन ने झूठा बताया है। मंगलवार (12 नवंबर) को माओवादियों ने पर्चा जारी कर कहा कि पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनका एक साथी मारा गया है। जबकि पुलिस जिन दो लोगों को नक्सली बता रही है, वे दोनों ग्रामीण हैं।

दरअसल, माओवादियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव गंगा ने पर्चा जारी किया है। इस पर्चे में लिखा है कि 8 तारीख को बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके में डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और बस्तर फाइटर के जवान संयुक्त रूप से ऑपरेशन करने पहुंचे थे। उन्होंने सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे तक गांव पर हमला किया। साथ ही खेत में धान की कटाई कर रहे ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई।

नक्सलियों ने दोनों की पहचान ग्रामीणों के रूप में की

नक्सलियों का कहना है कि इस गोलीबारी में तुमरीगुड़ा के पोडियम हिड़मा और रेखापल्ली के कुंजाम जोगा की मौत हो गई। ये दोनों ग्रामीण थे। दोनों ग्रामीण शादीशुदा हैं। कुछ ग्रामीण घायल हुए हैं। नक्सली नेता गंगा का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए नक्सलियों की पीएलजीए टीम ने जवानों पर हमला किया।

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दोनों ओर से हुई गोलीबारी में नक्सली प्लाटून 10 का कमांडर माड़वी जोगा मारा गया। नक्सलियों ने बताया कि वह सुकमा जिले का रहने वाला था। जोगा की मौत को नक्सली संगठन के लिए बड़ी क्षति बताया गया है।

उस पर 8 लाख रुपए का इनाम था

पुलिस ने तीन नक्सलियों में से एक की पहचान जोगा माड़वी के रूप में भी की है। पुलिस ने उसे भी प्लाटून नंबर 10 का कमांडर बताया है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया था कि उस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस अन्य दो की पहचान नहीं कर पाई है।

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