Chhattisgarh Bijapur Boy killed girl when she refused to marry: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक लड़की ने जब एक लड़के से शादी करने से मना कर दिया तो उसने अपने भाई के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। उसने धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया। हत्या के 40 दिन बाद पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। लड़के के साथ उसके भाई और पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया कि लड़की के शादी न करने के फैसले से मेरा अहंकार आहत हुआ था। समाज में मेरे साथ-साथ मेरे पूरे परिवार की बेइज्जती हुई। इसलिए उसे सबक सिखाने के लिए मैंने अपने भाई के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। अब पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
घर नहीं पहुंचने पर दर्ज कराई एफआईआर
दरअसल बीजापुर के शिविरपारा निवासी फूलचंद कड़ियामी ने 10 अगस्त को पुलिस को सूचना दी थी कि उसकी बहन सरस्वती कड़ियामी (34) लापता हो गई है। वह सुबह 6:30 बजे शिविरपारा से अकेले ही सागवाही कन्हाईगुड़ा खेत में पौधरोपण का काम करने के लिए निकली थी। वह घर नहीं लौटी।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस की टीम कन्हाईगुड़ा के खेत में पहुंची। जहां एक बैग और कुछ जगहों पर खून के धब्बे मिले। जब घटनास्थल का निरीक्षण किया गया तो 100 मीटर दूर नाले में युवती का शव मिला। गले में फंदा बंधा हुआ था। फंदा खोला गया तो गला कटा हुआ मिला। इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की गई।
28 अफसरों और जवानों की टीम बनाई गई
जिसके बाद एसपी जितेंद्र यादव ने एएसपी वैभव बैंकर और चंद्रकांत ग्वारना, पुलिस उपाधीक्षक तुलसीराम लेकाम समेत 2 इंस्पेक्टर, 8 सब इंस्पेक्टर और 15 जवानों की एक विशेष टीम बनाई। इस टीम को इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए लगाया गया।
500 लोगों की कॉल हिस्ट्री खंगाली गई
घटना स्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। न ही कोई अन्य साक्ष्य मिला। जिसके बाद पुलिस ने उस इलाके के 500 लोगों की कॉल हिस्ट्री खंगाली। 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई। जिसके बाद पुलिस को सुराग मिला कि युवती पाड़ेडा निवासी नंदू मांझी से शादी की बात कर रही थी। यह सुराग मिलते ही पुलिस ने संदेह के आधार पर नंदू और उसके भाई मंगल साय मांझी को हिरासत में ले लिया।
हत्या की बात कबूल की
उनसे पूछताछ की गई। जिसमें उन्होंने हत्या की बात कबूल की। नंदू ने पुलिस को बताया कि सरस्वती ने उससे शादी करने से मना कर दिया था। वह उससे बार-बार बात करने की कोशिश कर रहा था लेकिन वह बात करने से मना कर रही थी। उसका अहंकार आहत था, उसका अपमान हो रहा था, इसलिए उसने उसकी हत्या कर दी।
ऐसे की हत्या
एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने बताया कि, जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे सरस्वती पर नजर रख रहे थे। पता चला कि वह नियमित रूप से रोपाई के काम के लिए खेत में जाती है। 10 अगस्त को नंदू और मंगल मांझी दोनों खेत में जाकर कहीं छिप गए। जब सरस्वती वहां पहुंची तो उन्होंने उसे पकड़ लिया। उसका मुंह बंद कर दिया।
धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया। हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए उन्होंने गले में फंदा बांधा और शव को नाले के पास छोड़ दिया। एएसपी ने बताया कि इस पूरे मामले में इन दोनों भाइयों के पिता सुखनाथ मांझी की भी भूमिका है। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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