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CGPSC भर्ती घोटाला के 18 अभ्यर्थियों के घर CBI का छापा: कई नामी लोगों के घरों की तलाशी, जानिए क्या-क्या हुई जांच ?

CBI raids houses of 18 candidates of CGPSC recruitment scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाले में सीबीआई ने छापेमारी शुरू कर दी है। 2021 के चयन में धांधली के संदिग्ध सभी 18 अभ्यर्थियों के घरों पर छापेमारी कर जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों की 2 दिन तक तलाशी ली गई। बताया जा रहा है कि छापेमारी 12 अक्टूबर को की गई थी।

अभ्यर्थियों के घरों से मिली 300 से ज्यादा किताबें और कॉपियां पढ़ी गईं। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों से हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव जब्त किए गए। अभ्यर्थियों और उनके परिजनों के बैंक खातों की जांच की जा रही है।

पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, अमृत खलखो की बेटी नेहा और पिछली सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे बेटे निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस नेता के दामाद शशांक गोयल, मंत्री के ओएसडी के साले की बेटी खुशबू बिजौरा से भी पूछताछ की गई है।

5 साल की कॉल डिटेल खंगाल रही है सीबीआई

सीबीआई संदिग्ध अभ्यर्थियों और पीएससी अधिकारियों की पिछले 5 साल की कॉल डिटेल और लोकेशन निकाल रही है। सीबीआई की टीम उस प्रिंटिंग प्रेस पर भी गई, जहां प्रश्नपत्र छपा था। मालिक और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।

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300 किताबें और नोटबुक भी खंगाली गईं

सीबीआई की टीम ने सबसे पहले तत्कालीन पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के घर की जांच की। इसके बाद टामन के भतीजे नितेश, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी के घरों की तलाशी ली गई।

कांग्रेस नेता की बेटी से भी पूछताछ

इसके साथ ही कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम, मीनाक्षी गणवीर के घरों की तलाशी ली गई। सीबीआई ने अभ्यर्थियों से भी लंबी पूछताछ की है। अब सभी अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाने की तैयारी चल रही है।

पीएससी कार्यालय से दस्तावेज जब्त किए गए थे

दो महीने पहले सीबीआई ने नवा रायपुर स्थित पीएससी कार्यालय में भी छापा मारा था। वहां से परीक्षा से जुड़े दस्तावेज, कंप्यूटर और कुछ रिकॉर्ड जब्त किए गए थे। दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच की जा रही है। चयनित अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट भी जांच के लिए ले ली गई है। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

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सीबीआई जांच कर रही है कि इंटरव्यू बोर्ड में कौन-कौन ड्यूटी पर था

सीबीआई जांच कर रही है कि किस अभ्यर्थी का किस बोर्ड में इंटरव्यू हुआ था। इंटरव्यू के लिए पीएससी ने तीन अलग-अलग बोर्ड बनाए थे। एक बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष तामन सिंह थे। उनके अलावा दो और बोर्ड थे।

सीबीआई यह जांच कर रही है कि किस बोर्ड ने सबसे ज्यादा लोगों का चयन किया है। सदस्यों का चयनित अभ्यर्थियों या उनके परिजनों से कोई संबंध है या नहीं। उनकी 5 साल की गूगल लोकेशन से लेकर वॉट्सऐप चैट तक निकाली जाएगी।

पूरा विवाद ऐसे समझें

सीजीपीएससी भर्ती 2019 से 2022 में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुन्दा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में केस दर्ज किया है।

पीएससी ने 2020 में 175 और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इन भर्तियों को लेकर काफी विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं और नौकरशाहों के बच्चों को भी नौकरी दिलवाई।

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