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MP के बाढ़ वाले गणेश भगवान की कहानी: मूर्ति का चमत्कार देखती रह गईं थी CM की पत्नी, फिर लिया था ये प्रण

Baadh Wale Ganesh Vidisha MP Shivraj Shingh: भोपाल-विदिशा मार्ग पर रंगई स्थित बेतवा नदी के तट पर श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर की स्थापना के पीछे एक अलग कहानी है। करीब डेढ़ दशक पहले क्षेत्र के कुछ युवकों ने नदी के किनारे भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की थी।

Baadh Wale Ganesh Vidisha MP Shivraj Shingh: इस दौरान आई बाढ़ में पूरा पंडाल डूब गया था। इतना ही नहीं मूर्ति भी पानी में डूब गई थी, लेकिन पानी कम होने के बाद मूर्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। तभी से इस अनोखी मूर्ति को श्री बाढ़ वाले गणेश कहा जाता है।

क्या है बाढ़ वाले गणेश की कहानी?

मंदिर के पुजारी पं. परशुराम चौबे ने बताया, “2005 में यहां बाढ़ आई थी और मिट्टी से बनी गणेश जी की झांकी स्थापित की गई थी। गणेश जी 5 से 6 दिन तक बाढ़ के पानी में डूबे रहे, इसके बावजूद मूर्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

Baadh Wale Ganesh Vidisha MP Shivraj Shingh: इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी यहां से गुजरीं। पानी में डूबी गणपति की मूर्ति देखकर वे हैरान रह गईं। इसके बाद उन्होंने यहां मंदिर बनवाने का संकल्प लिया, जो 2008 में पूरा हुआ।

अनंत चतुर्दशी पर पहुंच सकते हैं शिवराज

स्थापना के बाद मंदिर का नाम श्री बाढ़ वाले गणेश रखा गया और तब से गणपति लोगों की प्रार्थना सुन रहे हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी कर रहे हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन गणेश जी का अभिषेक किया जाता है।

Baadh Wale Ganesh Vidisha MP Shivraj Shingh: इन दिनों सुबह-शाम आरती और अखंड रामायण का पाठ किया जा रहा है, जो अनंत चतुर्दशी तक जारी रहेगा। अनंत चतुर्थी के दिन यहां हवन होगा, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्र सरकार में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी पहुंच सकती हैं।

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