पुष्पराजगढ़ में ‘मलाईदार’ कुर्सी: ट्रांसफर के ढाई महीने बाद भी डटे हैं साहब, जुगाड़ से रोकी रिलीविंग, कमाई का जरिया बना अनूपपुर जिला ?
शैलेंद्र विश्वकर्मा,अनूपपुर। जिले के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में अधिकारियों के तबादले के बाद भी रिलीव नहीं किया जा रहा है. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों के तबादले के मामले में भी ऐसी ही जानकारी सामने आई है. अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद में पदस्थ उपयंत्री अमन डेहरिया को तबादला के बाद भी भारमुक्त नहीं किया गया है. इस अधिकारी को नीमच जिले के लिए स्थानांतरित किया गया था. अब तक उन्हें अनूपपुर के अफसरों ने नवीन पदस्थापना के लिए रिलीव नहीं किया है.
बना दिया SDO
डेहरिया का तबादला आदेश 31 अगस्त को जारी हुआ था. कार्यमुक्त के स्थान पर उपयंत्री से SDO बना दिया गया, जो नियम विपरीत है. वे अभी भी अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद में बतौर प्रभारी एसडीओ के रूप में कार्यरत हैं. शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि 2 सप्ताह के भीतर स्थानांतरित अफसरों को नई पदस्थापना स्थल पर ज्वाइन करना पड़ेगा. इस अवधि के बाद अधिकारी एकतरफा रिलीव किए जाएंगे. अगर इसके बाद भी पुरानी पदस्थापना स्थल से अधिकारियों का वेतन आहरित होता है, तो वित्तीय अनियमितता हो रही है.
अनूपपुर जिला बना कमाई का जरिया
जिले में स्थानांतरण के मामले में इस प्रकार का उल्लंघन लगातार हो रहा है. इसी तरह की स्थिति अन्य विभागों में भी बनी हुई है. सैकड़ों अधिकारी कर्मचारियों को तबादले के बाद भी पूर्व पदस्थापना स्थल पर रोककर रखा गया है. नवीन पदस्थापना स्थल के लिए रिलीव नहीं किया गया. अधिकारी कर्मचारी मिलीभगत से सालों साल जिले में जमे हुए हैं. जिस कारण जनपद पंचायत ग्राम पंचायत नगर पालिका व जिले के अन्य विभागों में वर्षों से जमे होने के कारण भ्रष्टाचार के जन्मदाता बनकर शासन के करोड़ों रुपए का चूना लगाकर मालामाल हो रहे हैं.
अधिकारी दे रहे जांच का हवाला
जिला पंचायत अनूपपुर सीईओ हर्षल पंचोली का कहना है कि इस मामले में जांच करा कर जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई किया जाएगा. अब देखना यह होगा कि कब तक जांच होती है और कब तक कार्रवाई की जाती है. या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा.
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