: हसदेव अरण्य में हजारों पेड़ों की बलि: 600 जवान, 500 आरा मशीन और जंगल वीरान, Adani ने काटे 15000 पेड़
MP CG Times / Sun, Dec 24, 2023
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के जैव विविधता से समृद्ध हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा पूर्व और केते बासन (पीईकेबी) चरण-2 विस्तार कोयला खदानों के लिए पेड़ों की कटाई पुलिस सुरक्षा घेरे के बीच शुरू हो गई है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने गुरुवार को हसदेव इलाके में कोयला खनन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में ले लिया. विधानसभा में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया.
छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही हसदेव अरण्य क्षेत्र में एक बार फिर पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है. जिला प्रशासन और वन विभाग की अनुमति के बाद गुरुवार से पीईकेबी 2 प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है. फिलहाल करीब 93 हेक्टेयर जमीन पर 50 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटने की योजना बनाई गई है. अब तक 15 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं.
पिछली बार पेड़ काटने को लेकर उपजे विवाद और विरोध को देखते हुए इस बार प्रशासनिक महकमा पहले से ही अलर्ट पर है और विरोध कर रहे कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है.
1252.447 हेक्टेयर में फैले छत्तीसगढ़ के परसा कोयला खदान क्षेत्र में 841.538 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल है। परसा कोयला खदान राजस्थान के बिजली विभाग को आवंटित है। राजस्थान सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ समझौता कर खदान का काम उसे सौंप दिया है.
राजस्थान का केते बासन क्षेत्र भी खनन हेतु आवंटित है। इसके खिलाफ हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ है. अब छत्तीसगढ़ सरकार ने खदानों के विस्तार को मंजूरी दे दी है.
इन इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है. पहले से ही काटे जा रहे जंगलों को बचाने के लिए कई वर्षों से अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है। इसके लिए स्थानीय लोग जमीन से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ रहे हैं.
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