शहडोल। शहडोल जिले के नवगठित नगर परिषद बकहो में 53 पंचायत कर्मियों का नियम को ताक पर रखकर संविलियन करने के काले कारनामे का खुलासा हुआ है. इस मामले में सोमवार रात भोपाल से एक पत्र जारी हुआ, जिसमें जेडी सहित 8 लोगों को भर्ती घोटाले में संलिप्त पाया गया, जिसमें 5 अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं.
संविलियन भर्ती ज्वॉइट डायरेक्टर पर आरोप है कि खुद उन्होंने खुद भर्ती की चयन समिति में अध्यक्ष होते हुए अपने पुत्र आदिल खान के संविलियन की अनुशंसा की. चयन समिति के सदस्य सहायक यंत्री राकेश तिवारी ने अपने पुत्रों को रोहित तिवारी और प्रवीण तिवारी की भी अनुशंसा की, जो नियम विरुद्ध माना गया.
वहीं चयन समिति के सदस्य प्रभारी CMO रविकरण त्रिपाठी को भी दोषी माना गया. फर्जी भर्ती कर 65 लाख रुपये का वेतन भत्तों का भुगतान किया. 65 लाख रुपयों की आर्थिक क्षति मानी गई है. प्रक्रिया में सभी भर्ती कर्मचारियों जिसमे संविदा और मानदेय कर्मी शामिल थे, उन्हें ग्राम पंचायत का कर्मचारी दर्शाकर नवगठित नगर पंचायत में संविलियन कर लिया गया.
नियम विरुद्ध किये गए संविलियन में शहडोल जिले के अधिकारियों, महत्वपूर्ण कार्यालयों के कर्मचारियों के रिस्तेदारों की भर्तियां कर ली गई थी. अधिकांश कर्मचारी घरों पर बैठकर वेतन ले रहे थे. कुछ कर्मचारियों ने संविलियन के बाद अन्य स्थानीय निकायों में ट्रांसफर करा लिया. संविलियन भर्ती होते ही भारी विरोध शुरू हो गया था. लगातार शिकायतों के बाद जांच कर नगरीय प्रशासन आयुक्त ने कार्रवाई की है.
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
नगर परिषद बकहो में हुए भर्ती घोटाला मामले में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल मकबूल खान , नगरपालिका अधिकारी धनपुरी रवि करण त्रिपाठी ,सीएमओ नगर परिषद बकहो जयदीप दीपांकर ,उपयंत्री अजीत रावत, तत्कालीन सरपंच फूलमती ग्राम पंचायत बकहो, तत्कालीन सचिव समय लाल सिंह, सहायक यंत्री राकेश तिवारी ,पाली के स्थाई कर्मी नगरपालिका सुरेश चंद्र शुक्ला शामिल हैं, जिनमें से जेडी मकबूल खान, सीएमओ धनपुरी रवि करण त्रिपाठी, सीएमओ बकहो जयदीप दीपांकर ,उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया गया है. तत्कालीन सरपंच व सचिव के साथ-साथ स्थाई कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
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