अनूपपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बेटे ने आदिवासी महिला की जमीन खाली कराए जाने को लेकर अब कांग्रेस आर-पार की लड़ाई में उतर आई है. कोतमा विधायक सुनील सराफ, पुष्पराजगढ़ विधायक फुदेंलाल सिंह, अनूपपुर विधानसभा पूर्व प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह, प्रदेश महासचिव रमेश सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी बीच वे कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर रहे थे, जहां से एक 5 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कांग्रेसी कह रहे हैं कि गरीबों के साथ अन्याय करना होगा, करना होगा.. अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस पर बीजेपी नेता हीरा सिंह श्याम ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है.
MP-CG टाइम्स से बीजेपी नेता और जिला महांमत्री हीरा सिंह श्याम ने इस वीडियो को लेकर कहा कि हमारे पुष्पराजगढ़ के विधायक और अनूपपुर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष फुन्देलाल सिंह मार्को गरीबों के साथ अन्याय करने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय अनूपपुर में धरना दे रहे हैं. कांग्रेस की असलियत इस वीडियो में सामने आ गया है. कांग्रेस के लोग गरीबों के साथ छलावा कर रहे हैं. गरीबों के साथ दिखावा कर रहे हैं. कांग्रेस का यही असली चेहरा है. इसलिए ऐसी नारेबाजी कर रहे हैं. गरीबों के लिए लड़ने की बात नहीं गरीबों रे खिलाफ लड़ने की बात कर रहे हैं, जबकि नारेबाजी में साफ दिख रहा है कि कांग्रेसी कह रहे हैं गरीबों के साथ अन्याय करना होगा, करना होगा.. ये कैसी राजनीति है, जिसमें गरीबों के साथ अन्याय करने की बात कही जा रही है.
मामले में MP-CG टाइम्स से पुष्पराजगढ़ विधायक ने कहा कि ये बीजेपी षडयंत्र रच रही है. बीजेपी वीडियो को काटकर फर्जी तरीके से वायरल रही है. वीडियो को तोड़मड़ोर कर पेश किया गया है. इस दौरान उन्होंने खाद्य मंत्री बिसाहूलाल औऱ उनके बेटे पर जमकर हमला बोला. विधायक ने कहा कि जालसाजी कर औऱ प्रशासन को कुर्सी की तेवर दिखाकर जमीन को हड़पा गया है. गरीबों परिवार के साथ अन्याय हुआ है. हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं. जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम लड़ते रहेंगे.
फुंदेलाल ने कहा कि मंत्री और उनके परिवार ने प्रशासन का दुरुपयोग किया, अगर जमीन खरीदे हैं, तो किससे खरीदे हैं. अगर उस गरीब परिवार की जमीन नहीं है, तो कैसे उनको पीएम आवास मिल गया. घर भी बन गया. मंत्री परिवार ने जमीन हड़पी है. निर्धन के साथ अन्याय किया है. आदिवासी मंत्री होकर आदिवासियों के साथ छलावा किया है. मंत्री ने अपने ही लोगों के साथ धोखेबाजी की है, जिसने वोट दिया, उसको ही घर से बाहर कर दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वे नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से भी शिकायत की है. हम इस मामले को भोपाल तक ले जा रहे हैं, ताकि परिवार को न्याय मिल सके.
ये है पूरा मामला
धरना प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं ने कहा था है कि जब तक आदिवासी महिला को न्याय नहीं मिल जाता तब तक आदिवासी महिला के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी कलेक्ट्रेट परिसर से 1 मिनट के लिए कहीं नहीं जाएंगे.
बता दें के प्रदेश सरकार के केबिनेट खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बेटे ओम प्रकाश सिंह ने आदिवासी परिवार को उसके प्रधाममंत्री आवास से बेदखल करवा दिया है. ये मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह, कोतमा विधायक सुनील सराफ ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मंत्री ने अपनी सत्ता के प्रभाव के बल पर आदिवासी परिवार को उसके प्रधाममंत्री आवास से बेदखल करवाया.
एक तरफ प्रदेश सरकार आदिवासियों की रक्षा और उन पर किसी प्रकार का अत्यचार ना हो इसको लेकर योजनाओं पर योजनाएं लागू कर करने के ढकोसला कर रही है. वहीं उनके ही के मंत्री के बेटे ओम प्रकाश सिंह ने एक आदिवासी परिवार को उसके प्रधानमंत्री आवास से बेदखल करवाया. कांग्रेस इसकी कड़ी निंदा करती है. पीड़ित को जब तक न्याय नहीं मिल जाता हम कांग्रेस नेता पीछे नहीं हटेंगे, उसे न्याय दिला के रहेंगे.
यह है पूरा मामला ?
मंत्री के गांव परासी में 6 एकड़ जमीन थी, जो 3 – 3 एकड़ रतिराम गोंड और संतोष सिंह दोनों के नाम से दर्ज थी. 2010 से 2021 तक यह जमीन दोनों के नाम पर रही, लेकिन मंत्री पुत्र ओमप्रकाश सिंह ने रतिराम से पूरी जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाई और संतोष सिंह जो कि पीड़ित है, उसके नाम की जमीन में अवैध काबिज एसडीएम कोर्ट अनूपपुर से सिद्ध कर दिया गया, जबकि पीड़ित संतोष सिंह आधी जमीन का मालिक था जिसे अवैध कब्जाधारी बताकर बेदखली करवा मंत्री पुत्र ने 6 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली. एसडीएम अनूपपुर के बेदखली के आदेश के बाद पीड़ित ने सिविल कोर्ट अनूपपुर में न्याय के लिए गुहार लगाई.
नियम कहता है कि कोई भी प्रकरण यदि न्यायालय में विचाराधीन है तो उस पर कार्रवाई करना न्याय संगत नहीं है. मंत्री और उनके पुत्रों ने एक आदिवासी को बेघर करने में कोई कसर नही छोड़ी. धन बल ओहदे का इस्तेमाल कर एक आदिवासी को अपने घर और जमीन से इस कड़ाके की ठंड में बाहर सड़क पर रहने मजबूर कर दिया. फिलहाल महिला को गांव में ही ठहराया गया है.
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