Bageshwar Dham: एमबीबीएस की 20 वर्षीय छात्रा शिवरंजनी तिवारी इन दिनों सुर्खियों में हैं. शिवरंजनी तिवारी मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ‘कृष्ण की मीरा’ की तरह प्यार करती हैं. वो उनसे शादी करना चाहती है. शिवरंजनी सिर पर कलश लेकर गंगोत्री से करीब 1200 किलोमीटर पैदल चलकर छतरपुर पहुंची हैं और 16 जून को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन करेंगी.
20 वर्षीय शिवरंजनी 1 मई से गंगोत्री से गंगाजल से भरा अपनी मनोकामना का कलश लेकर बागेश्वरधाम की पैदल यात्रा पर है. अपने ‘चमत्कारी’ दिव्य दरबार के लिए सुर्खियों में रहने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री को शिवरंजनी अपना ‘प्राणनाथ’ बता रही हैं. कड़ाके की ठंड और चिलचिलाती धूप में करीब 1200 किलोमीटर पैदल चलकर शिवरंजनी के पीठाधीश्वर के सामने विवाह का प्रस्ताव लेकर छतरपुर पहुंची हैं.
पिता ने क्या कहा?
साध्वी के भेष में पदयात्रा पर निकली भजन गायिका शिवरंजनी तिवारी के अनुसार उन्होंने पहले हरिद्वार से यात्रा शुरू करने का फैसला किया था. उसके पिता ने कहा कि जब तुम इस पुनीत कार्य के लिए जा रहे हो तो क्यों न गोमुख से जल भरकर गंगोत्री से यह कार्य किया जाए ? शिवरंजनी ने कहा कि “उनकी बात मानकर मैं चलने लगी. रास्ते में बहुत कठिनाइयाँ थीं. प्रभु की कृपा से सारी कठिनाइयाँ दूर हो गईं. कई स्थानों पर वर्षा हुई और सूर्य आग उगल रहा था, लेकिन मेरा साहस टूट गया, लेकिन डगमगाया नहीं.
‘मुझ पर है संतों की कृपा’
शिवरंजनी ने आगे कहा कि पहले उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला कि बागेश्वर धाम सरकार के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 15 जून से एकांतवास में जाना चाहते हैं. अपने पुनीत कार्य में विघ्न बनो, पर मुझे दर्शन अवश्य दो. फिर एक दिन बाद उन्हें फिर से मीडिया के माध्यम से समाचार मिला कि महाराज श्री धाम में ही 16, 17 और 18 जून को दरबार लगने वाले हैं. यह बालाजी महाराज की कृपा मुझ पर है. मुझे संतों का आशीर्वाद प्राप्त है.
‘धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से कभी बात नहीं की’
शिवरंजनी ने कहा कि मैंने प्राणनाथ शब्द का उच्चारण इसलिए किया क्योंकि जो मन को जानता है, उसे पढ़ता है, फिर उसे प्राणनाथ नहीं कहा जाता तो क्या हुआ. आज तक मेरी उनसे कभी फोन पर बात नहीं हुई और न ही मैं कभी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिला हूं. मैं उनके भजन और यूट्यूब पर उनके काम को देखने के बाद ही प्रभावित हुई.
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कौन हैं शिवरंजनी?
शिवरंजनी तिवारी खुद को एमबीबीएस की छात्रा बताती हैं. उन्हें भजन गायिका के रूप में भी जाना जाता है. शिवरंजनी तिवारी के पिता पंडित बैजनाथ तिवारी के अनुसार उनके परिवार का संबंध मध्य प्रदेश के सिवनी में जन्मे ब्रह्मलीन जगद्गुरुस्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज से है. उन्होंने मीडिया में बताया कि उनका पैतृक गांव चंदौरीकला (दिघोरी) है, जो सिवनी जिले में है. वर्तमान में शिवरंजनी तिवारी का परिवार पिछले 25 वर्षों से हरिद्वार में रह रही है.
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