भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाता जा रहा है. केंद्र सरकार के बाद ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है. शिवराज की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर जल्द सुनवाई का आग्रह किया है.
दरअसल, पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को स्थगित करने को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है. शहरी विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की जानकारी दी है.
शहरी विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण और पंचायत चुनाव स्थगित करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. SC से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया है.
इससे पहले केंद्र सरकार मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट से 17 दिसंबर का आदेश वापस लेने की मांग कर चुकी है. केंद्र ने याचिका में कहा था कि ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराना जनादेश के खिलाफ है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव को 4 महीने के लिए टालने की मांग की है.
केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि ओबीसी आयोग 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देगा. सुप्रीम कोर्ट का आदेश ओबीसी को 5 साल के लिए चुनाव से वंचित कर देगा। 51% ओबीसी आबादी के अनुसार पंचायत चुनाव में 27% आरक्षण देना वैध है। इसलिए चुनाव की तिथि बढ़ा दी जाए.
बता दें कि शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव को टालने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा में प्रस्ताव पास करा चुके हैं. इसके तहत बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे. हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिस पर जनवरी 2022 में सुनवाई होनी है.
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