गरियाबंद। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महात्मा गांधी रुरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) प्रारंभ किया गया है। इस सराहनीय पहल से गांव की महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह में अग्रसर हो रहीं है। इस योजना से ग्रामीण महिला समूह को आर्थिक लाभ हो रहा है। रीपा के माध्यम से गांव के लोग सफल उद्यमी बनकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।
गरियाबंद ज़िले के ग्राम फूलकर्रा स्थित रीपा में तार फेंसिंग जाली यूनिट की स्थापना की गई है। उक्त रीपा में वसुंधरा संकुल संगठन मदनपुर की महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तार फेंसिंग जाली का निर्माण कर रही है। समूह ने अब तक 80 हज़ार रुपए से अधिक की फेंसिंग जाली का विक्रय कर लिया है।
समूह की सदस्य बताती हैं कि रीपा के माध्यम से हमें गांव में ही रोजगार मिला है साथ ही उद्यमिता की ओर हमारे कदम दर कदम बढ़ रहे हैं। हम अभी और अधिक मेहनत कर रहे हैं ताकि हमें आगे और अच्छी आमदनी हो सके। समूह को 5 टन का आर्डर और मिल चुका है। समूह की सभी सदस्य ने इस योजना और पहल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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उल्लेखनीय है कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं लघु उद्योग स्थापित करने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) योजना प्रारंभ किया है। राज्य सरकार द्वारा छोटे-छोटे उद्योग धंधों के लिए रीपा में पानी, बिजली, जमीन जैसी सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
रीपा के माध्यम से गांव के लोगों को जरूरी वस्तुएं आस-पास उपलब्ध हो रही हैं, जिसके कारण अब उन्हें दूर शहरों की ओर नहीं जाना पड़ता। उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता के कारण आसपास के शहर-गांवों से सप्लाई के आर्डर मिलने प्रारंभ हो गए हैं।
व्यवसायिक गतिविधियों को रीपा के साथ जोड़कर संरक्षित करने के साथ ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी कार्य किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर वृहत गतिविधियां संचालित होने से लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी प्राप्त हो रहे है। वहीं पारंपरिक गतिविधियों के संचालन से ग्रामीणों के आय संवर्धन में भी महती भूमिका निभा रही है।
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