25 दिनों से अंधेरे में आदिवासी
जबलपुर के आदिवासी इलाकों में पिछले 25 दिनों से बिजली के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं . प्रदेश भर में बिजली क्राइसिस को लेकर जो बेहद गंभीर समस्या बनी हुई है, इसके ताजा उदाहरण हाल में ही देखने को मिल रहा है. जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल जमा ना करने के नाम पर पूरे गांव की बिजली काट दी गई.
एक महीने से शहपुरा जनपद के इमझर, जमन्हा, चिरापोड़ी जैसे ओर भी गांव के ग्रामीण बेहद परेशान हैं. ग्रामीण गर्मी के कारण बीमार पड़े हुए हैं. अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस को कॉल करने के लिए मोबाइल फोन भी काम नहीं करेगा, क्योंकि बिजली के बिना फोन रिचार्ज नहीं हो सके. गांव की महिलाएं शाम होने से पहले ही खाना बना लेती है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले सौ रुपये का बिजली बिल आता था, लेकिन अब हजारों में आ रहा है.

तानाशाह अफसरों ने काटी पूरे गांव की बिजली
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली अधिकारियों की तानाशाही के चलते हम अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने गांवों में जाकर देखना तक उचित नहीं समझा, कि यहां क्या हालात हैं. नवरात्र भी अंधेरे में निकल गए. जिम्मेदारों के पास तो बस एक जवाब रहता है कि वसूली नहीं हुई. गांववालों का कहना है कि जिन्होंने बिल नहीं भरा उनकी बिजली काटिए, पूरे गांव की बिजली क्यों काट दी.

कांग्रेस ने मांगा शिवराज सिंह से इस्तीफा
वरगी विधानसभा के कांग्रेस विधायक संजय ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा. विधायक का कहना है कि मध्य प्रदेश में इस समय अराजकता का माहौल है. खासकर जबलपुर की बात करें तो बरगी विधानसभा मे मटर की खेती बड़ी तादाद में होती है. जहां कोई किसान बिजली के बिल से परेशान है, तो कोई पानी से. बिजली विभाग गरीब किसानों को ज्यादा बिल देता है और जब लोग जमा नहीं कर पाते तो पूरे गांव की बिजली काट देते हैं. इस समय किसान बहुत आक्रोशित हैं. कही आने वाले समय में किसानों का यह आक्रोश कहीं किसान आंदोलन की तरह ना हो जाए.
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कांग्रेस विधायक का आरोप है कि ये मध्य प्रदेश सरकार की नाकामी और बदइंतजामी है. जिस कारण किसान और आम आदमी समस्याओं से जूझ रहा है. पूरे देश में आपातकाल जैसे हालात हो चुके हैं. भाजपा सरकार चलाने में विफल हो चुकी है. इन्हें तत्काल हट जाना चाहिए क्योंकि यह सरकार जनता के कार्य करने में नाकाम हो चुकी है.
अफसरों ने साधी चुप्पी
हमारी टीम ने बिजली विभाग अधिकारियों से इस विषय में बात करनी चा,ही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. कोई भी अधिकारी कर्मचारी कटौती के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता.

