महासमुंद। छत्तीसगढ़ में शराब बैन होगी या नहीं, ये तो भविष्य के गर्त में है, पर सरकारी कर्मचारी जरूर नशे में धुत हैं. शराब उनके सिर चढ़कर बोल रही है. नया मामला महासमुंद में सामने आया है. यहां एक पंचायत सचिव रोज ही शराब पीकर दफ्तर पहुंच जाता. जनप्रतिनिधि और ग्रामीण पहुंचते तो उन्हें गालियां देता. लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ. परेशान होकर लोग कलेक्टर के पास पहुंचे, जिसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है.
मामला जनपद पंचायत के लखनपुर गांव का है. यहां पदस्थ हैं पंचायत सचिव बीरेंद्र नायक. ग्रामीणों का कहना है कि बीरेंद्र नायक हमेशा नशे में रहता है. शराब पीकर आता है और फिर पंचायत कार्यालय खोलता है. नशे में धुत होकर ग्रामीणों, महिलाओं और जनप्रतिनिधियों को गालियां देता है. पंचायत सचिव सोमवार को भी दफ्तर पहुंचा. नशे में मेज पर पैर रखकर बैठ गया. इस दौरान किसी ने उसका वीडियो बना लिया.
एक महीने पहले की थी शिकायत
ग्रामीणों और पंचों का आरोप है कि पंचायत सचिव बीरेंद्र जनपद पंचायत की बैठक में अनुपस्थित रहता है. कोई उसे बुलाने जाता है तो नशे की हालत में गालियां देता है. उसकी गोधन न्याय योजना में भी कोई रुचि नहीं है. सामाजिक सहायता योजना के कार्यों में भी लापरवाही बरतने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने महीने भर पहले जनपद पंचायत और जिला पंचायत में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
शिकायत लेकर कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे लोग
पंच नरेंद्र कौशिक ने बताया कि पंचायत सचिव लगातार शराब पीकर कार्यालय आता और बदसलूकी करता है. कई बार शिकायत के बाद भी जब उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो मंगलवार को जनप्रतिनिधि और ग्रामीण कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे थे. वहां शिकायत के बाद सचिव बीरेंद्र नायक को निलंबित करने के संबंध में आदेश जारी किया गया. वहीं बुंदराम खड़िया को लखनपुर में सचिव के पद पर पदस्थ किया गया है.
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