Panchayat secretaries will be governmentalized in Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों के सरकारीकरण के लिए समिति के गठन की घोषणा की है। रविवार को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में पंचायत सचिव संघ का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सीएम साय ने कहा कि सचिवों का सरकारीकरण मोदी की गारंटी में है। हम इसे पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार पंचायत सचिवों के हितों का पूरा ध्यान रखती है। सरकार बनते ही पंचायत सचिवों की उम्मीदें पूरी की गईं। प्रदेश पंचायत सचिव संघ की सरकारीकरण की मांग पूरी की जाएगी। इस पर संघ के पदाधिकारियों ने सीएम का माल्यार्पण कर आभार जताया।
पंच-सरपंच बनकर जनता की सेवा की
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने 5 साल तक पंच और निर्विरोध सरपंच बनकर जनता की सेवा की है। पंचायतों के विकास से ही देश का विकास संभव है। केंद्र या राज्य सरकार की सभी योजनाएं पंचायतों के जरिए ही क्रियान्वित होती हैं। गांव के विकास की चाबी सरपंच और सचिव के पास होती है।
पंचायत सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सचिवों के माध्यम से ही होता है। उन्होंने सचिवों की प्रशंसा करते हुए उनसे और भी बेहतर कार्य करने का संकल्प लेने की अपील की।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने समझा दर्द
राज्य सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि, मेरे पति ने 18 साल तक सचिव के पद पर काम किया है। मैं यह अच्छी तरह समझती हूं कि आप लोग कितना भी अच्छा काम क्यों न कर लें, आपको जनता की डांट सुननी ही पड़ेगी।
नेता और सचिव को 24 घंटे जनता के लिए खड़ा रहना पड़ता है, क्योंकि पंचायत स्तर पर या ग्रामीणों को कोई समस्या होती है तो वे सचिव को बुलाते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं सचिवों के माध्यम से ही पंचायत स्तर पर हर घर तक पहुंचती हैं।
बकाया राशि दी गई- विजय शर्मा
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने साय सरकार की कई घोषणाओं को पूरा करने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने पंचायत सचिवों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि मुख्यमंत्री साय को पंचायत से लेकर संसद तक काम करने का अनुभव है।
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उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही साय सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम किया है। पंचायत सचिवों के माध्यम से ही सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन होता है और सरकार की छवि बनती है। सरकार बनते ही पंचायत सचिवों का बकाया वेतन और हड़ताल अवधि के 55 दिनों की राशि का भुगतान किया गया।
सचिवों की वर्तमान स्थिति क्या है?
वर्तमान में गांवों में रहने वाले पंचायत सचिवों को सरकारी कर्मचारी नहीं माना जाता है। वे पंचायत विभाग के नियमित कर्मचारी हैं, जिला पंचायत उनकी भर्ती करती है, उन्हें वेतन दिया जाता है। इसके बावजूद उन्हें सरकारी कर्मचारियों की तरह भत्ते नहीं मिलते हैं। मेडिकल जैसी अन्य सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। राज्य के पंचायत सचिव चाहते हैं कि उन्हें सरकारी कर्मचारी बनाकर सभी भत्ते और सुविधाएं दी जाएं।
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