जगत गिरीश, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के बाद अब समिति प्रबंधन के सामने परेशानी आ खड़ी हुई है. लापरवाही के कारण समितियों को भुगतना पड़ रहा है. 6 अरब की धान खरीदी में 4 करोड़ का सूखत पाया गया है. शॉर्टेज में पर्दा डालने के लिए सरकार को जीरो दिखाया गया है. अब समिति की संपत्ति जब्ती की जा रही है, जिससे समिति के कर्मचारी परेशान हैं.
दरअसल, 6 अरब की धान खरीदी में 4 करोड़ का सूखत (शॉर्टेज ) भी मान्य नहीं है. पर्दा डालने शॉर्टेज कि मात्रा को 50 से भी ज्यादा राइस मिलर्स के नाम आरओ काट सरकार को दिखाया जीरो शॉर्टेज दिखाया गया. भरपाई के लिए आनाकानी न कर सके समिति इसलिए शॉर्टेज मैनेज के लिए समन्वय समिति बना दी गई. वसूली की सख्ती के बीच समिति प्रबंधक और खरीदी प्रभारी के बाइक जब्त कर लिए गए हैं.
जिले के कुल 82 खरीदी केंद्र में 39 ऐसे थे, जहां जीरो शॉर्टेज आया, जबकि 43 केंद्र में अब तक कुल खरीदी गई. धान की मात्रा में से 19 हजार क्विंटल शॉर्टेज निकला है. 28 हजार क्विंटल का उठाव होना बाकी है. कहा जा रहा है कि उठाव पूरी होते तक शॉर्टेज की मात्रा 25 हजार क्विंटल तक हो जाएगी, जिसकी कीमत 4 करोड़ से ज्यादा होगी.
धान खरीदी नोडल अधिकारी ने बताया कि शॉर्टेज के मामले में जिला आगे है, खरीदी और उठाव सब कुछ समय पर हुआ. बारिश का प्रभाव भी अन्य जिलों की भांति हमारे यंहा भी आंशिक रूप से था. जब दूसरे जिले में शॉर्टेज जिरो हो सकता था, तो हमारे जिले में आंकड़ा करोड़ों में कैसे चला गया.
शासन के निर्देश के मुताबिक शॉर्टेज की भरपाई खरीदी के लिए अधिकृत सहकारी समिति ही करेंगे. अंतर की मात्रा का आरओ राइस मिलर्स के नाम काटा गया है. समिति इसकी भरपाई मिलर्स को करेंगे, जिसे कस्टम मिलिंग के रूप में शासन बाद में प्राप्त कर लेगी.
पिछली धान खरीदी सीजन में दिवानमूडा धान खरीदी केन्द्र में लाखों की गड़बड़ी सामने आई थी. खरीदी प्रभारी नीलाम्बर बीसी को सस्पेंड कर दिया गया था. इस बार खरीदी प्रभारी नीलाम्बर के सहयोगी बीसीकेसन को व्यवस्था प्रभारी के नाम पर पूरे काम काज देख रहा था.
इस साल धान खरीदी किए गए बोरे में से धान निकाल कर बोरों की संख्या बढ़ाने का मामला सामने आया तो फिर से सस्पेंड किए गए हैं. शॉर्टेज वाले समिति की लिस्ट में दीवानमुड़ा केंद्र का नाम सबसे ऊपर है. अब तक 1500 क्विंटल का शॉर्टेज आ चुका है.
खरीदी नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा, डीएमओ अमित चन्द्राकर और एसडीएम दिवानमूड़ा पहुंचकर पंचनामा तैयार किया है. अफसरों ने भरपाई करने लिखित पत्र मांग रहे थे, लेकिन निलंबित कर्मियों ने अफसरों को लिखित पत्र नहीं दिया. अफसरों का एक दल लगातार समितियों तक पहुंच रही है.
जीरो शॉर्टेज व मिलर्स के बीच समन्वय स्थापित करने कलेक्टर ने राजस्व अफसरों की समिति बना दिया है, जिनका काम शॉर्टेज की भरपाई कराना है. मिलर्स के नाम आरओ काटकर शासन के रिकॉर्ड में जीरो शॉर्टेज का रिपोर्ट भेज तो दिया गया है, लेकिन समिति और जिम्मेदार लोग मिलर्स को इसकी भरपाई आसानी से नहीं करेंगे.
ऐसे में उन पर दबाव का काम यह समिति करेगी. गोहरापदर खरीदी प्रभारी रामेश्वर बघेल और ढोर्रा केंद्र के टंकधर साहू की बाइक राजस्व अफसरो ने जब्त कर लिया है. दोनों ने बताया कि उन्हें मिलर्स के नाम काटे गए धान की पूर्ति करने कहा गया है.
जीरो शॉर्टेज की सख्ती के बाद आज देवभोग और मैनपुर सहकारी समिति के प्रतिनिधि मण्डल मंत्री अमरजीत भगत से मिलने राजधानी पहुंचे थे. मंत्री किसी आयोजन में चले जाने के कारण उनकी मुलाकात नहीं हुई. प्रतिनिधि मण्डल में शामिल झाखरपारा संचालक मण्डल के अध्यक्ष असलम मेमन ने बताया कि प्रभारी और सहकारिता मंत्री को पत्र सौंपा गया है, जिसमें हमने बताया है कि बफर लिमिट से 5 गुना ज्यादा धान जाम पड़ा था.
तय अनुबंध के मूताबिक 72 घण्टे के भीतर धान का उठाव नहीं किया गया. बारिश में भी धान खराब हो गए. 19 से 20 प्रतिशत नमी के बावजूद धान की खरीदी की गई. समय समय पर किए गए भौतिक सत्यापन में ये सारी बाते सामने आई हैं. ऐसे में 1 से डेढ़ प्रतिशत सूखत( शॉर्टेज) आना स्वभाविक है. कहा गया कि शॉर्टेज की राशि की प्रतिपूर्ति मिलर्स के आरओ के बजाए धान खरीदी के एवज में मिलने वाले कमीशन राशि से किया जाए.