: धोखेबाज प्रेमियों को होगी 10 साल की जेल: नए कानून के तहत कवर्धा में दर्ज हुई छत्तीसगढ़ की पहली FIR, CM साय ने लॉल्च की कानूनी किताब
New Criminal Laws Kawardha FIR Update IPC Bharatiya Nyaya Sanhita: आज (1 जुलाई) से देशभर में एक नया कानून लागू हो गया है। अब आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) कर दिया गया है। इसके तहत कई अपराधों के लिए नई धाराएं जोड़ी गई हैं। वहीं कुछ धाराओं के नियम भी बदल गए हैं। मसलन फोन या ई-मेल के जरिए थाने में केस दर्ज कराया जा सकेगा।
New Criminal Laws Kawardha FIR Update IPC Bharatiya Nyaya Sanhita: नए नियमों को लेकर बिलासपुर, रायपुर समेत प्रदेश के सभी थानों में जश्न मनाया जा रहा है। वहीं, नए कानून के तहत छत्तीसगढ़ की पहली एफआईआर कवर्धा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेंगाखार थाने में दर्ज की गई है। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि दोपहर करीब 12.30 बजे मामला दर्ज किया गया है। New Criminal Laws Kawardha FIR Update IPC Bharatiya Nyaya Sanhita: वहीं, नए कानून के तहत रायपुर में पहला मामला दर्ज किया गया है। मंदिर हसौद थाने में जान से मारने की धमकी और अभनपुर में असामयिक मौत की एफआईआर दर्ज की गई है।
सीएम साय ने बुकलेट का किया विमोचन
New Criminal Laws Kawardha FIR Update IPC Bharatiya Nyaya Sanhita: सोमवार 1 जुलाई को 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए। इससे संबंधित पुस्तक का विमोचन सीएम हाउस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया।
New Criminal Laws Kawardha FIR Update IPC Bharatiya Nyaya Sanhita: पुस्तक का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में 3 नए आपराधिक कानूनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का संग्रह है। छत्तीसगढ़ पुलिस की इस खास पहल से नए कानूनों को समझने में आसानी होगी।
पहले जानिए नए कानून में क्या बदलाव किए गए हैं...
नए कानून यानी बीएनएस में अब 511 की जगह 358 धाराएं हैं। इसी तरह सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) का नाम बदलकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कर दिया गया है। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं बनाई गई हैं।
New Criminal Laws Kawardha FIR Update IPC Bharatiya Nyaya Sanhita: भारतीय साक्ष्य अधिनियम में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है, इसमें 170 धाराएं हैं। बदलाव का मकसद सजा की जगह न्याय दिलाना है। कई धाराओं के क्रम में बदलाव किया गया है जबकि कुछ धाराओं के नियमों में बदलाव किया गया है। तीनों कानूनों में हुए बदलावों में महिलाओं से जुड़े अपराधों को ऊपर ले जाया गया है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।
ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।
डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं।
IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है।
33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
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