MP से अजब चोरों की गजब कहानी: पहले लूटपाट, चोरी और फिर कराते थे भजन-कीर्तन, जंगल में गड्ढा खोदकर छिपा देते थे जेवरात
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: MP की रतलाम पुलिस ने बुधवार को एक बड़े चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस चोर गिरोह के सदस्य उज्जैन जिले से रतलाम आकर चोरी और डकैती की वारदातों को अंजाम देते थे।
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: चोरी में सफलता मिलने के बाद ये बदमाश अपने गांव में खाटू श्याम की भजन संध्या का आयोजन करते थे। इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बिलपांक थाना पुलिस ने गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
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ऐसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: 11 जुलाई को गिरोह के बदमाशों ने शिवपुरी निवासी कैलाश चंद्र संघवी के घर में घुसकर बुजुर्ग दंपती को डरा धमकाकर गोदरेज अलमारी की चाबी छीन ली थी। इसके बाद सोने-चांदी के जेवरात समेत 50 हजार रुपए नकद लूटकर फरार हो गए थे।
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर तंत्र से मिले इनपुट के आधार पर महेश चंद्रवंशी और जितेंद्र चंद्रवंशी को हिरासत में लिया। आरोपियों से घटना के बारे में पूछताछ की गई तो दोनों आरोपियों ने अपने अन्य 4 साथियों के बारे में जानकारी दी।
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: ये चारों आरोपी पहले से ही अन्य लूट के मामलों में बड़नगर जेल में बंद थे। बिलपांक थाना पुलिस ने जेल में बंद चारों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला उजागर हो गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लूट का माल, नकदी और 3 बाइक बरामद की।
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: वहीं पुलिस ने गिरोह के 1 महिला समेत 9 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। चोरी के बाद गांव में करते थे भजन संध्या का आयोजन गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी उज्जैन जिले के कल्याणपुर गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद यह भी पता चला है कि चोरी करने के बाद चोर गिरोह धार्मिक अनुष्ठान भी करता था। चोरी की सफलता की खुशी में वे गांव में बड़े धूमधाम से खाटू श्याम की भजन संध्या का आयोजन करते थे।
MP Ratlam Bhajan Sandhya Thief Gang: चोरी किए गए सोने-चांदी के जेवरातों को आरोपी जंगल में गड्ढा खोदकर छिपा देते थे। वहीं चोरी के माल और सामग्री का कुछ हिस्सा अपने परिजनों को दे देते थे।
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