Attack on the mining Team In mp: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज माफिया को नेस्तनाबूद करने, जड़ से उखाड़ फेंकने, जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कहते हैं. लेकिन धरातल में इसकी सच्चाई कुछ और है. अधिकारियों से ही सांठगांठ कर माफिया सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं. धरती का सीना चीर खनिज निकाल रहे हैं. अवैध उत्खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं. फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती, बल्कि उल्टा खनिज विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही पिट रहे हैं. छिंदवाड़ा जिले में अवैध खनन रोकने पहुंची माइनिंग की टीम पर हमला हुआ है. अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ में भी खनन माफिया अवैध उत्खनन में लगे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. दिखावे के लिए जरूर छोटे मोटे एक्शन ले लिए जाते हैं.
दरअसल छिंदवाड़ा जिले के चौरई क्षेत्र के भूतेरा गांव में अवैध खनन की सूचना मिली थी. जिस पर खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची. अवैध खनन रोकने की बात कही, लेकिन विवाद के बाद खनिज माफिया और उसके गुर्गों ने टीम पर हमला कर दिया. जिससे उन्हें बिना एक्शन लिए ही वापस लौटना पड़ा.
बड़ी बात यह है कि खनिज विभाग की टीम पुलिस को बिना सूचना दिए ही मौके पर पहुंची थी. जिससे कई सवाल उठ रहे हैं. इतना सब होने के बावजूद माफिया के खिलाफ खनिज अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा ने बताया कि खनिज विभाग की टीम बिना पुलिस को सूचना दिये मौके पर गयी थी. खनिज विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया है. अवैध उत्खनन करने वाले का नाम प्रदीप शर्मा बताया जा रहा है, जो एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़ा है.
वहीं, खनिज विभाग के अधिकारी इस संबंध में कोई भी बयान देने को तैयार नहीं हैं. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है. अब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. ऐसे में कई सवाल भी खड़े होते हैं. कहीं खनिज माफिया व खनिज विभाग की मिलीभगत से तो अवैध खनन का पूरा खेल नहीं चल रहा है? यह स्थिति केवल छिंदवाड़ा, अनूपपुर समेत कई प्रदेश के कई जिलों में है.
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