क्या MP में बनेगा 56वां जिला ? जुन्नारदेव को जिला बनाने की उठी मांग, जानिए किस जिले के हो सकते हैं टुकड़े ?
MP Chhindwara Junnardev District Demand: मध्य प्रदेश में नए जिले बनाने की प्रक्रिया शुरू होते ही कई सामाजिक संगठन और नेताओं ने सरकार से अपने-अपने शहरों को जिला बनाने की मांग शुरू कर दी है।
MP Chhindwara Junnardev District Demand: छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना को अलग जिला बनाने के बाद जुन्नारदेव को जिला बनाने की चर्चा तेज हो गई है। जिसका एक पत्र भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल यह भी है कि क्या कमल नाथ का गढ़ छिंदवाड़ा पूरी तरह टूटकर बिखर जाएगा।
क्या जुन्नारदेव भी बनेगा नया जिला, पत्र पर हंगामा
MP Chhindwara Junnardev District Demand: विधानसभा चुनाव से पहले छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना को अलग कर जिला बनाया गया था। अब एक पत्र सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसमें सरकार ने प्रशासन से जुन्नारदेव को जिला बनाने का प्रस्ताव मांगा है। हालांकि यह पत्र अभी तक प्रशासन तक नहीं पहुंचा है।
जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके ने विधानसभा में उठाया था सवाल
MP Chhindwara Junnardev District Demand: दरअसल, जुन्नारदेव कांग्रेस विधायक सुनील उइके ने विधानसभा में जुन्नारदेव को जिला बनाने का सवाल उठाया था। सुनील उइके ने कहा है कि, “मैंने जुन्नारदेव को जिला बनाने की जो मांग की थी, उसके संबंध में प्रशासन से पत्राचार अवश्य हुआ होगा। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट शासन को नहीं भेजी गई है।
जिला प्रशासन ने कोई रिपोर्ट नहीं भेजी है
MP Chhindwara Junnardev District Demand: एडीएम केसी बोपचे ने कहा कि, “हमें अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है और न ही जिला प्रशासन ने जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए शासन को किसी प्रकार की रिपोर्ट भेजी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र की सच्चाई के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं।
पांढुर्ना जिला तो बन गया, लेकिन अधिकांश काम छिंदवाड़ा से हो रहे हैं
MP Chhindwara Junnardev District Demand: विधानसभा चुनाव से पहले पांढुर्ना को जिला बनाकर एसपी और कलेक्टर की पदस्थापना कर दी गई, लेकिन सभी छोटे-मोटे सरकारी काम छिंदवाड़ा मुख्यालय से ही हो रहे हैं।
MP Chhindwara Junnardev District Demand: सभी सरकारी काम छिंदवाड़ा से ही हो रहे हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों का मुख्यालय छिंदवाड़ा में ही है। पांढुर्ना में अभी तक सरकारी कर्मचारियों और उनके बैठने के लिए भवनों की व्यवस्था नहीं की गई है।
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