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MLA Devendra Yadav की बेल फिर रिजेक्ट: हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत; हिंसा भड़काने का आरोप, 4 महीने से जेल में हैं विधायक

MLA Devendra Yadav Bail Rejected High Court: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। आपको बता दें कि हाईकोर्ट के जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज शुक्रवार को आदेश जारी किया गया है।

दरअसल, बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने विधायक देवेंद्र यादव को आरोपी बनाया है। इस मामले में पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक बयान देने जाने से इनकार कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

449 पेज का चालान पेश

जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव की जमानत निचली अदालत ने खारिज कर दी, जिसके बाद उनके वकील ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। इधर, मामले में पुलिस ने देवेंद्र यादव और ओमप्रकाश बंजारे के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में 449 पेज का चालान पेश किया है। उन्हें आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसक प्रदर्शन के मामले में आरोपी बनाया गया है।

चार महीने पहले हुए थे गिरफ्तार

विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस ने 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से उनकी न्यायिक हिरासत लगातार बढ़ाई जाती रही। वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद रहे। हाल ही में तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच उन्होंने कई बार जमानत के लिए आवेदन किया। लेकिन, जमानत नहीं मिली।

भीड़ को उकसाने का आरोप

विधायक देवेंद्र यादव पर हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस का दावा है कि देवेंद्र के खिलाफ पर्याप्त सबूत और गवाह हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसके आधार पर उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है।

अब हाईकोर्ट ने जमानत खारिज कर दी है

विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि उनके मुवक्किल का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने उन्हें झूठे मामले में फंसाया है। वकील ने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते देवेंद्र यादव को आरोपी बनाया गया है।

उनका कहना है कि घटना के वक्त वे वहां मौजूद नहीं थे। न ही पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।

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