MP में लावारिस कब्रिस्तान: कुत्ते नोच रहे शव, हड्डियां चबा गए, कब्रों से शवों को निकाला, जानिए क्या बोले लोग ?
Madhya Pradesh Gwalior Unclaimed Cemetery: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में लावारिस शवों के कब्रिस्तान से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। कुत्तों ने शवों को गड्ढों से बाहर निकाला। उन्होंने हड्डियों को नोचा और चबाया। हड्डियां और खोपड़ियां खुले में खेत में पड़ी हैं।
दरअसल, पुलिस लावारिस शवों को उथला गड्ढा खोदकर दफनाती है, ताकि बाद में अगर कोई दावा करे तो शव को बाहर निकाला जा सके। ग्वालियर में मिले लावारिस शवों को शहर के झांसी रोड इलाके में नीडम के पीछे श्मशान भूमि के एक हिस्से में दफनाया गया है। यहां लावारिस शवों के प्रति अनादर का मामला तब सामने आया जब बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर शवों को बाहर निकाला गया।
लोगों का कहना है कि कुत्ते कभी हाथ लाते हैं, तो कभी पैर। अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला है। हवा में तेज बदबू थी। कहीं कुत्तों ने शवों से मिट्टी हटा दी है, तो कहीं शव बाहर पड़े हैं। एक कुत्ते को एक कोने में हड्डी चबाते देखा गया। तभी रमेश कुमार सिंह रिपोर्टर के पास आए। वह पास में ही रहता है।
आते ही उसने पूछा, ‘आप कौन हैं?’ सवाल के जवाब में रिपोर्टर ने पूछा, ‘क्या यहां ऐसा होता है?’ इस पर उसने कहा, ‘यह तो फिर भी बहुत बढ़िया है।’ कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्वालियर पुलिस रेड क्रॉस सोसायटी या एनजीओ ऑनलाइन सेवा संघ की मदद से लावारिस शवों को दफना देती है। नीडम स्थित श्मशान घाट पर मिले सुनील राजपूत ने बताया, ‘यहां न तो कोई कर्मचारी है और न ही कोई चौकीदार।
मैं 2002 से इसकी देखभाल कर रहा हूं, मुझे इसके लिए एक पैसा भी नहीं मिलता।’ उन्होंने कहा, ‘शव को पुलिस की निगरानी में लाया जाना चाहिए, लेकिन पुलिस कभी-कभार ही आती है। शव लाने वाले पहले यहां बैठकर शराब पीते हैं, फिर उसे पहले से खोदे गए गड्ढे में डालकर मिट्टी से ढक देते हैं।’ पास में ही रहने वाले रमेश बाल्मीक कहते हैं, ‘करीब दस-पंद्रह दिन पहले की बात है, कुत्ते शव को नोच रहे थे। कर्मचारी शव को दो-तीन फीट गहरे गड्ढे में दफनाकर चले जाते हैं।’ क्या कहते हैं अधिकारी
पुलिस है जिम्मेदार
ऑनलाइन सेवा संघ के अध्यक्ष रमेश बाबू कुशवाह कहते हैं कि, हमारी टीम हमारे साथ जाती है। हमारे पास कोई स्थाई कर्मचारी नहीं है। हमारा पूरा काम नहीं है, हम सिर्फ पुलिस की मदद करते हैं। शवों के अनादर का मामला कई बार बताया गया, लेकिन कोई सुनता नहीं। पूरी जिम्मेदारी पुलिस की है।
जांच कराई जाएगी
सीएसपी अशोक सिंह जादौन कहते हैं कि, जब भी कोई लावारिस शव मिलता है तो हम उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ प्रशासन की मौजूदगी में दफनाते हैं। इसके लिए पूरी प्रक्रिया होती है। सबसे पहले शव को 24 से 48 घंटे तक मोर्चरी में रखा जाता है। समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित कराई जाती है। इसके बाद भी अगर उसकी पहचान नहीं होती है तो पंचनामा बनाकर प्रशासन की मदद से उसे दफना दिया जाता है। शवों के अनादर का मामला सामने आता है तो जांच कराई जाएगी।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS