रायपुर। शिव तांडव स्त्रोत गाकर अचानक सुर्खियों में आए महाराष्ट्र के संत कालीचरण ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में महात्मा गांधी को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है. कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए गोडसे को नमस्कार भी किया. अपने विवादास्पद बयान में कालीचरण ने महात्मा गांधी के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी किया है.
रायपुर में धर्म संसद का आयोजन
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म संसद का आयोजन किया गया है, जिसका आज दूसरा दिन था. इसमें देशभर के साधु संत बड़ी संख्या में पहुंचे हुए हैं. धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने महात्मा गांधी के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए गोडसे को प्रणाम किया. कालीचरण ने कहा कि महात्मा गांधी की वजह से देश का विभाजन हुआ. गोडसे को नमस्कार है कि उन्हें महात्मा गांधी को गोली मार दी.
गोडसे ने मार डाला हरामी को
कालीचरण महाराज ने कहा कि इस्लाम का टारगेट राजनीति के द्वारा राष्ट्र कब्जाना है. हमारी आंखों के सामने 47 में राजनीति के द्वारा उन्होंने बांग्लादेश और पाकिस्तान कब्जाया और इराक ईरान अफगानिस्तान तो पहले ही कब्जा चुके थे. महाहरामी मोहनदास करमचंद गांधी जिसने हमारा सत्यानाश पेल दिया. नाथूराम गोडसेजी को नमस्कार है, जिन्होंने मार डाला उस हरामी को.
महंत रामसुंदर दास ने धर्म संसद को किया बॉयकॉट
इस दौरान धर्म संसद में विवाद भी हुआ है. महंत रामसुंदर दास ने धर्म संसद को बॉयकॉट किया है. धर्म संसद में आए दूसरे संतों ने बॉयकॉट को संतों का अपमान बताया है. गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने महाराज कालीचरण के दिए बयान नाराज़गी जाहिर की. गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा कि महात्मा गांधी को लेकर धर्म संसद से ऐसी बात कही गई है. इस धर्मसंसद से मैं खुद को अलग करता हूँ. जबकि धर्म संसद में आए दूसरे संतों ने बॉयकॉट को संतों का अपमान बताया है.
कौन हैं संत कालीचरण ?
संत कालिदास महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. कुछ महीनों पहले उनका महाराष्ट्र के नाशिक के शिवमंदिर में शिव तांडव स्त्रोत गाने का वीडियो अचानक सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद कालीचरण काफी सुर्खियों में आए थे.
बता दें कि धर्म संसद में साधु संतों के बीच भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, सनातनियों को एकजुट करना, राष्ट्रीय हिंदू बोर्ड का गठन, रायपुर में गुरुकुल निर्माण, सनातन धर्म की रक्षा और हिंदुओं को जागरुक करने के मुद्दे पर परिचर्चा हो रही है.
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