पूरन चंदेल, पुष्पराजगढ़। ये पुष्पराजगढ़ है साहब. यहां माफिया का राज है. सिस्टम बौना पड़ गया है. रोज बारूदी धमाके हो रहे हैं. मध्यप्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति माफिया के पैरों तले जमीन चाट रही है. अवैध खनन, परिवहन और बारूदी धमाके आम बात हैं. कई बार तो कई इलाकों में धमाकों से पत्थर दूर घरों तक पहुंच जाते हैं, कई बार पानी की टंकियों में दरार पड़ चुके हैं, लेकिन खनिज विभाग और माफिया की सांठगांठ ने पुष्पराजगढ़ को खोखला बना दिया है. हर कोने, हर इलाके में माफिया ने उपजाऊ जमीन को बंजर और तालाबों में तब्दील कर दिया है. पुष्पराजगढ़ से पत्थर पड़ोसी राज्य और अन्य शहरों में भेजा जा रहा है, लेकिन मजाल है कि खनिज विभाग और जिम्मेदार इधर आंख उठाकर देख लें.
माफिया और विभाग में सांठगांठ ?
मौजूदा और पिछली सरकार ने यह भी कहा था कि अमरकंटक सहित जिले के पूरे क्षेत्र के किसी भी गांव में न तो अवैध खनन और न ही बारूदी विस्फोट की अनुमति दी जाएगी, लेकिन सभी दावों और घोषणाएं पुष्पराजगढ़ में जमीन चाट रही हैं. हजारों ट्रक पत्थर निकाल कर करोड़ों की कमाई की जा रही है. स्टोन क्रशर मालिक राजस्व विभाग और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को खुली चुनौती दे रहे हैं.
खनिज संसाधनों का अत्यधिक दोहन
जिले के पठार क्षेत्र में लगभग हर गांव में अवैध पत्थर की खदानें मिल जाएंगी. जहां स्टोन क्रशर संचालित होते हैं. पत्थर की इन खदानों का अवैध उत्खनन कर खनन माफिया राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है. दूसरी ओर खनन विभाग माफिया से गठजोड़ कर सरकार को गच्चा दे रहा है. अवैध खनन की शिकायत पर भी खनन विभाग आंख पर पट्टी बांध कर सो जाता है.
जांच के नाम पर लिफाफे का इनाम ?
राजेंद्रग्राम के पठार क्षेत्र के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनन माफिया के खिलाफ खनन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इन खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर संचालकों के पास कई अवैध खदानें हैं, जो दिखावटी लीज से हटकर अवैध खनन के लिए संचालित हैं. बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर अधिकारी लिफाफा लेकर जाते हैं.
आश्वासन का झुनझुना थमा रहे अधिकारी ?
जब भी किसी अधिकारी से क्रेशर और अवैध खनन की बात की जाती है तो सिर्फ इतना कहा जाता है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी. आपके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है, लेकिन इतना कहने के बाद भूल जाते हैं. न तो जांच होती है और न ही कार्रवाई होती है. यदि कोई समाजसेवी या जागरूक नागरिक इन अवैध गतिविधियों की सूचना विभाग को देता है. उनका नाम गुप्त रखने की बजाय सार्वजनिक कर दिया जाता है.
ग्रामीणों की शिकायत फाइलों में कैद
अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने कई बार एसडीएम, खनन विभाग, विधायक, सांसद से शिकायत की, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी. ग्रामीणों के शिकायत पत्रों को कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है या फाइलों में दबा दिया जाता है, जबकि संचालित क्रेशरों द्वारा किसानों की उपजाऊ भूमि को बजरों में बदला जा रहा है. जहां कभी गरीब किसान अनाज उगाकर अपने परिवार का गुजारा करता था, वहीं आज वह इन खदानों में अनाधिकृत मजदूर बन गया है.
वहीं इस मामले में अनूपपुर जिला खनिज अधिकारी आशा लता वैद का कहना है कि जिले के पुष्पराजगढ़ व जैतहरी क्षेत्र में अवैध खनन परिवहन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, यह लगातार जारी रहेगी.