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IGNTU के रईसजादे पर FIR: असिस्टेंट रजिस्ट्रार के भतीजे ने आदिवासी छात्रों को कार से रौंदा था, इन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज, सजा का प्रावधान

रमेश तिवारी, पुष्पराजगढ़। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार के भतीजे के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजीव सिंह के भतीजे ने तेज रफ्तार कार से 3 आदिवासी बच्चियों को अपने बेलगाम कार के पहिए तले रौंद दिया था. मिली जानकारी के मुताबिक बच्चियों को इलाज के बाद घर पहुंचा दिया गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक अमरकंटक थाने में अपराध दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार 279 , 337 आईपीसी की धारा पंजीबद्ध कर जांच की जा रही है. चालान के समय मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं भी लगाई गई है.

दरअसल, अमीरी के नशे में चूर असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजीव सिंह का भतीजा सिंद्वात सिंह ने कार से टक्कर मारी थी, जिसमें बकायदा भारत सरकार लिखा है. उस पर राजपुताना भी लिखा कर रखा गया था. इससे साफ जाहिर की सरकारी गाड़ियों का दुरूपयोग भी बेधड़क जारी है.

IGNTU के रईसजादे ने छात्राओं को कुचला: असिस्टेंट रजिस्ट्रार के भतीजे ने तेज रफ्तार कार से आदिवासी बच्चियों को उड़ाया, अमीऱी के नशे में चूर मौत के मुंह में धकेला, इधर सिस्टम के आंखोंं पर पट्टी

ग्रामीणों के मुताबिक सिध्दांत सिंह लंबे समय से उस रास्ते पर बेकाबू गाड़ी चलाते आ रहा था, जिसने आदिवासी बच्चियों को मौत के मुंह में धकेला था. इस हादसे में तीनों छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं, जिनका इलाज जारी है.

असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजीव सिंह की वाहन क्रमांक एमपी-17-सीए- 7477 से भतीजे सिद्धांत सिंह सेंगर ने परीक्षा देकर लौट रही तीन छात्राओं को रौंदा था. बच्चियां भमरिया और बिजौरी की रहने वाली हैं.

मामले में अमरकंटक थाने की SI विशाखा उर्वेदी ने कहा कि गाड़ी को थाने में जब्त कर लिया गया है. मामले की तफ्तीश जारी है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. बच्चियों की हालत अभी ठीक है.

आईपीसी की धारा 279: सार्वजनिक जगह पर जानकर या असावधानी से असुरक्षित वाहन चलाकर दूसरों का जीवन खतरे में डालना या घायल करने के कृत्य इस धारा में आते है. अपराध साबित होने पर अधिकतम तीन महीने की सजा और एक हजार रुपए तक के जुर्माना या दोनों एक साथ का प्रावधान है.

भारतीय दंड सहिता की धारा 337 में ऐसे किसी कार्य द्वारा जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुंच जाए. ऐसा कार्य आता है. इसमें 6 माह का कारावास या 500 रूपये का आर्थिक दंड या दोनों सजा दिए जा सकते हैं.

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