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गरियाबंद में इक्को पार्क जड़ा सरकारी ताला: नगरवासी नेशनल हाइवे पर कर रहे मॉर्निंग वॉक, बस स्टैंड की जमीन ऑक्सीजोन को लेकर भड़का आक्रोश

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में बस स्टैंड के लिए प्रस्तावित 4 एकड़ जमान पर इक्को पार्क बना दिया गया है, लेकिन फंड के अभाव में काम पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अब गेट पर सरकारी ताला लटका हुआ है। जान जोखिम में डाल नगरवासी नेशनल हाइवे पर मार्निंग वॉक कर रहे हैं। बंद पड़े ऑक्सीजोन को लेकर आक्रोश है।

दरअसल, 2019 में इको पार्क की नींव रखी गई,तय हुआ कि इसे ऑक्सीजोन के रूप में विकसित कर एक संपूर्ण गार्डन का स्वरूप दिया जाएगा। स्टीमेट में फाउंटेन, ओपन हाउस, बच्चों के लिए जरूरी झूले, रोज गार्डेन, पाथ-वे, विभिन्न प्रकार के पेड़ के अलावा एक विकसित आकर्षक गार्डन का स्वरूप देना था।

इस तय स्टीमेट में ढाई करोड़ से ज्यादा खर्च होता। 2019 में लगभग 45 लाख कैंपा मद में आया, जिससे वृक्षारोपण और तार घेरा जैसे काम कराया गया। लगभग 20 लाख रुपए खर्च बाउंड्रीवाल, गेट, पाथ-वे, रखरखाव जैसे अन्य कार्य में खर्च किया गया।

जानकारी के मुताबिक अब तक 65 लाख खर्च हुए फिर भी लाखों का यह गार्डन किसी उपयोग में नहीं आ रहा। महीनों से प्रवेश द्वार में ताला लटका दिया गया है।

नेशनल हाइवे में मॉर्निंग वॉक

जिला बनने के बाद गरियाबंद का विकास जिस गति से होना था नहीं हुआ। मॉर्निंग वॉक के लिए लोग नेशनल हाइवे में करते है। धुंध में जान जोखिम में रहता है, फिर भी वाकिंग हो रहा। कुछ लोग कलेक्टर परिसर, पुलिस ग्राउंड, खेल मैदान भी जाते हैं।

मॉर्निंग वॉक पर निकले इमरान मेमन,तरुण यादव,बिंदु दीदी ने कहा कि मजबूरी में हम यदा कदा वाकिंग करते हैं। इको पार्क में ताला लटका होता है, जिस स्थिति में है उस स्थिति में भी गेट खोल देते तो वाकिंग का काम आता।

जनहित याचिका करेंगे दायर

वाकिंग पर निकले अधिवक्ता प्रशांत मानिकपुरी ने कहा कि इको पार्क और ऑक्सी जॉन जैसे स्थान औद्योगिक क्षेत्र के लिए था।फिर भी अगर बनाया गया तो उसका उपयोग करने खोला जाना था। देख रेख के अभाव में पेड़ पौधे मर रहे।

तत्कालीन कलेक्टर श्रृति सिंह के समय स्थल को बस स्टेंड के लिए प्रस्तावित किया गया था,आज बस स्टेंड के लिए जमीन तलाश रही है। जरूरत को प्राथमिकता रख अगर इको पार्क के लिए नगर वासी सहमत हुए तो उसे नगर को देना था।मामले में जल्द ही जनहित याचिका दायर करूंगा।

फंड मांगी गई है

गरियाबंद वन मंडल के डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने कहा कि काम होना बाकी है।फंड के लिए प्रपोजल शासन को भेजा गया है।फंड आते ही काम शुरू करेंगे।जल्द ही मौके का निरक्षण करूंगा।स्थिति का जायजा लेने के बाद आवश्यकता के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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