गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्कूल से बिना सूचना के अनाधिकृत रूप से गायब रहने वाले शिक्षक पर निलंबन की गाज गिरी है. जिला शिक्षा अधिकारी ने शासकीय प्राथमिक शाला गरीबा में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी सुनील राजपूत को निलंबित कर दिया गया है. स्कूलों में लापरवाही पर दो BEO को शो-कॉज नोटिस जारी हुआ है.
वहीं स्कूल शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है. DEO ने कार्रवाई की है. प्रधान पाठक पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी है. गोलबाज शिक्षक ही नहीं, बल्कि प्रधान पाठक भी गोल मारते हैं. जाति प्रमाण पत्र के लिए भी पैसे लिए गए हैं, लेकिन बीईओ के जांच प्रतिवेदन में केवल सुनील राजपूत पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई.
दरअसल, सहायक शिक्षक के खिलाफ स्कूल से गायब रहने की शिकायत प्राप्त हुई थी. जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने संज्ञान लेते हुए मामले का परीक्षण कर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जिससे जिले में हड़कंप मच गया है.
जारी आदेशानुसार विकासखंड मैनपुर के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला गरीबा में पदस्थ सहायक शिक्षक सुनील राजपूत का बिना पूर्व सूचना के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहना गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन है.
सहायक शिक्षक को सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) के तहत निलंबित किया गया है. सहायक शिक्षक सुनील राजपूत को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी मैनपुर किया गया है.
जाति प्रमाण पत्र के बदले प्रधान पाठक ले लिए पैसे
पालक हेमलाल बैरागी ने अपने लिखित बयान में बताया की जाति प्रमाण पत्र बनाने प्रधान पाठक ने 1500 रुपए ले लिए. पालक बंशी लाल ने भी अपने बयान में कहा कि पढ़ने वाले दो बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के लिए प्रधान पाठक ने 4 हजार की मांग की.
3 लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही
रुपए देने में असमर्थ होने के कारण केवल 500 दिया गया, जिसके कारण आज तक उसके बच्चो का प्रमाण पत्र नहीं मिला. जांच में आए तथ्य इस बात का प्रमाण है कि दूरस्थ अंचल में निशुल्क योजनाओं के बदले किस तरह गरीब आदिवासी रुपए का भुगतान कर रहे हैं. वहीं इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. 3 लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
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