जबलपुर। केंद्रीय जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर कपिल कामले और उनके सहायकों को रिश्वत में लिए 7 लाख रुपये की गिनती करते हुए सीबीआई ने रंगे हाथ पकड़ा है. जबलपुर जिले के केंद्रीय जीएसटी कार्यालय में कार्रवाई की गई. अधिकारियों व कर्मचारियों के रिश्वत लेते पकड़े जाने की सूचना से कार्यालय में हड़कंप मच गया.
रिश्वत लेते पकड़े गए अधिकारियों और कर्मचारियों से सीबीआई के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. सेंट्रल जीएसटी ऑफिस से अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं. घटना के संबंध में मूल रूप से राजस्थान निवासी त्रिलोक चंद्र सेन ने बताया कि वह नोहटा दमोह में मसाला फैक्ट्री चलाते हैं. फैक्ट्री पर टैक्स बकाया था जिसके चलते जीएसटी अधिकारियों ने इस पर ताला लगा दिया था.
19 मई को जीएसटी ने छापेमारी करते हुए फैक्ट्री पर ताला लगा दिया था. जिसके बाद केंद्रीय जीएसटी डिप्टी कमिश्नर कपिल कामले ने फैक्ट्री खोलने के लिए रिश्वत की मांग की थी. त्रिलोक ने बताया कि इस बीच उन्होंने फैक्ट्री से जुड़ा जीएसटी भी जमा कर दिया, लेकिन एक करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग बनी रही.
वह एक करोड़ रुपए नहीं दे पाए. त्रिलोक ने कपिल कामले को बताया कि फैक्ट्री घाटे में चल रही है, जिसके बाद 35 लाख रुपये रिश्वत में फैक्ट्री खोलने का सौदा तय हुआ. एक सप्ताह पूर्व उसने रिश्वत की पहली किस्त के 25 लाख रुपए कपिल कामले को दिए थे. जिसके बाद उन्होंने फैक्ट्री खोलने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी जमा कर दिया गया है. लेकिन कपिल कामले ने बाकी के 10 लाख रुपए रिश्वत मिलने तक फैक्ट्री का ताला खोलने से इनकार कर दिया.
जिसके बाद उन्होंने सीबीआई से शिकायत की. योजना के मुताबिक वह सात लाख रुपये की रिश्वत लेकर केंद्रीय जीएसटी कार्यालय पहुंचा. कपिल कामले ने रिश्वत की रकम ले ली और अपने साथियों के साथ मिलकर रिश्वत के नोट गिनने लगे. तभी सीबीआई अधिकारियों ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया.
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