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Jabalpur: पेंटीनाका-बरेला मार्ग से नहीं हटा अतिक्रमण, हाईकोर्ट ने निगमायुक्त व CEO पर किया दस हजार का जुर्माना

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मप्र हाईकोर्ट ने अतिक्रमण मामले पर सख्ती दिखाई है। अतिक्रमण नहीं हटने पर निगमायुक्त व सीईओ पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया गया है। बता दें कि जबलपुर के पेंटीनाका-बरेला मार्ग से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि कई अवसर देने के बावजूद भी उक्त मार्ग से अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं। जिसे गंभीता से लेते हुए युगलपीठ ने नगर निगम आयुक्त व बरेला मुख्य नगर कार्यपालन अधिकारी पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के वाइस चेयरमैन व जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी की तरफ से दायर अवमानना याचिका में कहा गया था कि सन 2006 से अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अतिक्रमण को हटाने के आदेश पारित किए थे। कोर्ट द्वारा पारित आदेश के परिपालन में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण में बढ़ोतरी हो रही है।

अवमानना याचिका में कहा गया था कि उक्त रोड पर 80 फीट चौड़ी एवं फुटपाथ भी निर्मित होना था, लेकिन दुकानदार रोड पर ही दुकान लगा रहे हैं। जिससे रोड से निकलने वाले लोग उसी रोड पर गाड़ी खड़ी कर सब्जी, फल, गुटखा-पान आदि सब खरीदते हैं, जिससे आवागमन अत्यधिक प्रभावित होता है और ट्रैफिक समस्या बढ़ जाती है। अतिक्रमण से होने वाली गंदगी भी उसी रोड के किनारे डाल दी जाती है। जिससे दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जिस पर न्यायालय ने वर्ष 2021 में नगर निगम आयुक्त और बरेला सीएमओ को आदेशित किया था कि अतिक्रमण को हटाकर रोड को आवागमन के लिए खाली कराया जाए, परंतु आज तक अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। कई अवसर देने के बावजूद भी आदेश का परिपालन नहीं होने पर युगलपीठ ने संबंधित अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता एवं रमाकांत अवस्थी ने पैरवी की।

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