कुत्तों के हमले में चीतल गंभीर रूप से घायल हो गया था।
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कोरबा के मड़वारानी जंगल में बड़े पैमाने पर चीतल, हिरण जैसे वन्य प्राणियों का बसेरा है। लेकिन, वन विभाग के साथ अधिकारी इन वन्य प्राणियों का जान बचाने में गंभीर नहीं हैं। हर वर्ष जंगल में इन वन्य प्राणियों की मौत हो रही है। कुत्तों ने फिर से एक चीतल पर हमला कर दिया। तीन घंटे तक चीतल तड़पता रहा लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे, आखिरकार चीतल की मौत हो गई।
कोरबा वनमंडल के अंतर्गत आने वाले करतला वन परिक्षेत्र के मड़वारानी व उसके आसपास जंगल में वन्य प्राणियों का बसेरा है। सुबह लगभग सात बजे मड़वारानी जंगल से भटक कर एक चीतल ग्राम पुरैना पहुंच गया था। जहां एक के बाद एक तीन कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसकी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को भी दी गई। घंटो बीत जाने के बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे तब तक हिरण की हालत बिगड़ चुकी थी और उसकी मौत हो गयी।
करतला वन परिक्षेत्र के रेंजर राजेश चौहान को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बता दें कि गर्मी शुरू होते ही पानी की तलाश में गांव के आसपास जंगलों से वन्य प्राणी बस्ती की ओर आ जाते हैं।