: प्रेमानंद महराज की यात्रा रोकने वालों पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री: कहा- इन लोगों को दानव करार कर देना चाहिए, ये ब्रज में रहने लायक नहीं
MP CG Times / Mon, Feb 10, 2025
Dhirendra Shastri got angry at those who stopped Premanand Maharaj yatra: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद बाबा की रात्रि दर्शन यात्रा के स्थगित होने पर, बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रविवार रात कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बागेश्वर बाबा, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि "यह भारत, राम, कृष्ण और राधाराणी का राष्ट्र है। यदि श्री किशोरीजू के लाडले तथा वर्तमान में युवाओं के प्रेरणा स्रोत प्रेमानंद बाबा की यात्रा का कोई भी विरोध कर रहा है, तो हमें निश्चित ही लगता है कि वह धूर्त है।
किसी महापुरुष के चलने से अगर आपकी नींद उड़ रही है, तो विरोध तो आदिकाल से होता आ रहा है। इतिहास में संतों का विरोध करने वालों को कभी मानव नहीं कहा गया, बल्कि दानव कहलाया है। हवन, पूजन, यज्ञ से किसे दिक्कत होती है? दानवों को तो दिक्कत होती है। जिन्होंने भी यह विरोध प्रदर्शन या मांग की है, वे बहुत ही गलत हैं। हम प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से यही कहेंगे कि उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
तुम बाहर नहीं निकलोगे, दरबार नहीं लगाओगे
इस देश में सभी को भजन और भक्ति करने का अधिकार है। आज संत प्रेमानंद महाराज की यात्रा पर रोक लगाई गई है, तो कल हमारे ऊपर यह रोक लगा दी जाएगी कि 'तुम बाहर नहीं निकलोगे, दरबार नहीं लगाओगे। 'धीरे-धीरे कथाओं पर रोक लगाई जाएगी और राष्ट्र में राम की चर्चा बंद हो जाएगी। तो निश्चित ही ये घोर नास्तिक हैं। अब आस्तिक हैं या नहीं, यह उनका निजी मसला है, पर साधु की यात्रा पर रोक लगाना बहुत बड़ा अपराध है।
हम यही कहेंगे – बाबा, अपना स्वास्थ्य का ध्यान रखें, आपका स्वास्थ्य उत्तम रहे और आपको शारीरिक कष्ट न पहुंचे। यदि श्री किशोरीजी की कृपा से यात्रा जारी रहती है, तो यह शुभ होगा और यदि किसी के कहने पर यात्रा बंद की जाती है, तो हम कहेंगे, 'बाबा के चरण पकड़े रहें। 'वहीं, जिन लोगों ने विरोध किया है, उनसे हम बिल्कुल प्रसन्न नहीं हैं; फिर चाहे कोई भी हो, वे ब्रज में रहने के पात्र नहीं हैं, उन्हें ब्रज से बाहर कर दिया जाना चाहिए।"
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प्रेमानंद महाराज की यात्रा स्थगित
प्रेमानंद महाराज के निवास स्थान से आश्रम तक जाने वाले रास्ते में स्थित एक कॉलोनी 'एनआरआई ग्रीन' नाम की एक सोसाइटी में रहने वाले लोगों को प्रेमानंद महाराज की यात्रा से असुविधा हो रही थी। इन लोगों ने 6 फरवरी को महाराज का तख्ती लेकर विरोध किया था। उस विरोध के बाद महाराज के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश आया कि अत्यधिक भीड़ और स्वास्थ्य के कारण महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है।
विरोध कर रही महिलाओं का आरोप था कि जब महाराज पैदल पदयात्रा करते हैं, तो इस दौरान तेज आवाज में ढोल बजाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है, जिससे कॉलोनी वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, संत प्रेमानंद महाराज, जो अपने भक्तों को रात्रि 2 बजे दर्शन देने के लिए पद यात्रा करते थे, ने अपनी यात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। यात्रा स्थगित करने का कारण महाराज का स्वास्थ्य और बढ़ती भीड़ को बताया गया है।
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तुम बाहर नहीं निकलोगे, दरबार नहीं लगाओगे
इस देश में सभी को भजन और भक्ति करने का अधिकार है। आज संत प्रेमानंद महाराज की यात्रा पर रोक लगाई गई है, तो कल हमारे ऊपर यह रोक लगा दी जाएगी कि 'तुम बाहर नहीं निकलोगे, दरबार नहीं लगाओगे। 'धीरे-धीरे कथाओं पर रोक लगाई जाएगी और राष्ट्र में राम की चर्चा बंद हो जाएगी। तो निश्चित ही ये घोर नास्तिक हैं। अब आस्तिक हैं या नहीं, यह उनका निजी मसला है, पर साधु की यात्रा पर रोक लगाना बहुत बड़ा अपराध है।
हम यही कहेंगे – बाबा, अपना स्वास्थ्य का ध्यान रखें, आपका स्वास्थ्य उत्तम रहे और आपको शारीरिक कष्ट न पहुंचे। यदि श्री किशोरीजी की कृपा से यात्रा जारी रहती है, तो यह शुभ होगा और यदि किसी के कहने पर यात्रा बंद की जाती है, तो हम कहेंगे, 'बाबा के चरण पकड़े रहें। 'वहीं, जिन लोगों ने विरोध किया है, उनसे हम बिल्कुल प्रसन्न नहीं हैं; फिर चाहे कोई भी हो, वे ब्रज में रहने के पात्र नहीं हैं, उन्हें ब्रज से बाहर कर दिया जाना चाहिए।"
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प्रेमानंद महाराज की यात्रा स्थगित
प्रेमानंद महाराज के निवास स्थान से आश्रम तक जाने वाले रास्ते में स्थित एक कॉलोनी 'एनआरआई ग्रीन' नाम की एक सोसाइटी में रहने वाले लोगों को प्रेमानंद महाराज की यात्रा से असुविधा हो रही थी। इन लोगों ने 6 फरवरी को महाराज का तख्ती लेकर विरोध किया था। उस विरोध के बाद महाराज के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश आया कि अत्यधिक भीड़ और स्वास्थ्य के कारण महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है।
विरोध कर रही महिलाओं का आरोप था कि जब महाराज पैदल पदयात्रा करते हैं, तो इस दौरान तेज आवाज में ढोल बजाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है, जिससे कॉलोनी वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, संत प्रेमानंद महाराज, जो अपने भक्तों को रात्रि 2 बजे दर्शन देने के लिए पद यात्रा करते थे, ने अपनी यात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। यात्रा स्थगित करने का कारण महाराज का स्वास्थ्य और बढ़ती भीड़ को बताया गया है।
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