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करप्शन का ‘गढ़’ बना पुष्पराजगढ़: सीमेंट-रेत नहीं मिट्टी मिक्स कर बन गया 15 लाख का पुल, इंजीनियर लापता, जिम्मेदार मिलकर लगा रहे सरकारी खजाने को चूना, देखिए VIDEO

पुष्पराजगढ़। अनूपपुर जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है. सरकारी खजाने पर डाका डाला जा रहा है. करप्शन पर करप्शन की इबारत गढ़ी जा रही है. अधिकारी जानबूझ कर अनजान बने बैठे हैं. जिम्मेदार सरकारी दफ्तर से निकलते ही नहीं हैं. उन्हें जमीनी हकीकत से कोई लेना देना ही नहीं है. ऐसे में कैसे भ्रष्टाचार रुकेगा. CM शिवराज करप्शन खत्म करने की बात कहते हैं, लेकिन यहां अधिकारी ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं.

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पुष्पराजगढ़ में भ्रष्टाचार की बाढ़

दरअसल, पुष्पराजगढ़ में भ्रष्टाचार कम होने के बजाय करप्शन के पंख दोगुने रफ्तार से बढ़ रहे हैं. ताजा मामला जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के झनकी और मौहारी पंचायत से सामने आया है, जहां विकास के दावे खोखले नजर आ रहे हैं. आम जनता को मिलने की वाली सुविधाओं में पलीता लगा रहे हैं. पुल निर्माण में लाखों का करप्शन कर पुल का घटिया निर्माण किया जा रहा है.

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करप्शन तले रखी गई पुल की नींव

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ को अब जिम्मेदार और ठेकेदार मिलकर करप्शन गढ़ में तब्दील करने में जुट गए हैं. 15 लाख की लागत से बन रहे पुल को करप्शन तले नींव रखी गई है, जो कब धराशायी हो जाए, वो कुछ कहा नहीं जा सकता. खनिज मद से 15 लाख रुपये की स्वीकृति विकास के लिए दी गई थी, लेकिन अब वह करप्शन की भेंट चढ़ गई है.

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सीमेंट नहीं मिट्टी से हुई ढलाई

MP-CG टाइम्स की टीम ने जब मौके का जायजा लिया, तो वहां घटिया निर्माण जारी था. रेत की मात्रा कम, गिट्टी ज्यादा और सीमेंट के नाम पर मिट्टी डालकर ढलाई की जा रही है. जिसका VIDEO हमारे पास मौजूद है. इतना ही नहीं वहां मौजूद मजदूरों ने कहा कि मौके पर न इंजीनियर पहुंचे न जांच में कोई जिम्मेदार पहुंचे, जिससे मनमानी तरीके से पुल को बना दिया गया है. मापदंडों के मुताबिक जो गिट्टी डालना था, उसका उपयोग नहीं किया गया.

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बिना इंजीनियर के देखे चलता रहा काम- स्थानीय

स्थानीय लोग लवकेश जायसवाल, शुभम जायसवाल, राजेंद्र सिंह समेत कई लोगों ने बताया कि बिना इंजीनियर के काम पूरा हो गया, किसी ने निर्माण कार्य को देखा तक नहीं. इसी बीच घटिया निर्माण कर दिया गया. ये काम ठेकेदार उमेश मिश्रा करा रहे हैं.

वहीं इस इलाके की इंजीनियर रीतू शर्मा हैं, जिनके देखरेख में काम होना था, लेकिन ये मैडम कामकाज को झांक कर नहीं देखी, इस पर लोगों ने मिलीभगत कर घटिया निर्माण कराने का आरोप लगाया है.

 

कभी भी धराशायी हो सकता है पुल- स्थानीय

वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि जब पुल की नींव रखी जा रही थी, तो उसमें करीब डेढ़ फीट गड्ढा किया गया, जिससे वो पुल कभी भी ढह सकता है. नींव भी ठीक से नहीं रखी गई है, ताकि पुल कुछ साल तक चल सके, लेकिन घटिया निर्माण और करप्शन के कारण पुल कभी भी धराशायी हो सकता है, जिससे स्थानीय लोगों को फिर परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

देखिए वीडियो

कमीशन के चक्कर में घटिया काम !

जनपद पंचायत में बैठे अधिकारी और ठेकेदारों की नाकामी जारी है.लेने के चक्कर में मापदंड़ों को दरकिनार कर रहे हैं. ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्यों पर अपनी स्वीकृति दे रहे हैं. पैसों की हेरफेर करने के लिए नए-नए तरकीब निकाल रहे हैं. जनपद के अधिकारी अपने में मद मस्त हैं, जिससे मिल जुलकर लोग सरकारी पैसों को अपने जेब में डाल रहे हैं.

क्या यूं ही घटिया निर्माण चलता रहेगा ?

बहरहाल, अब देखना यह होगा कि बड़े अधिकारी इस पर क्या कुछ कार्रवाई करते हैं. इस मामले की जांच की जाती है नहीं या फिर और अधिकारी-ठेकेदार अपना जेब भरते रहेंगे. जनता जाए तेल लेने. उन्हें सरकार की योजनाओं में पतीला लगाना ही है ?

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