Clash between CM Bhupesh and Raman Singh over film ‘Adipurush’: रिलीज होने के बाद से ही फिल्म आदिपुरुष को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी फिल्म की कड़ी आलोचना की और कहा कि फिल्म देखना मजबूरी नहीं है. अगर कोई ऐसी चीज है जिससे भावनाएं आहत होती हैं तो उसे देखने न जाएं. उन्होंने कहा कि हमारे उपासकों के मुंह से इस तरह के शब्द कहना उचित नहीं है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
बता दें कि रामायण पर आधारित इस फिल्म के मेकर्स पर ओरिजिनल कहानी, किरदारों और डायलॉग्स से छेड़छाड़ के आरोप लग रहे हैं. बताया जा रहा है कि रामायण के कई किरदारों से कई अमर्यादित भाषाओं में संवाद बुलाए गए हैं.
क्या सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए?
वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने फिल्म आदिपुरुष के बारे में कहा कि श्रीराम भारत के कण-कण में बसे हैं. समय-समय पर मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रभु श्रीराम की छवि पूरे देश के मन-मस्तिष्क में बसी रहती है.
यही कारण है कि आज जब कोई फिल्म राम और रामायण के चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है. पूरा देश इस नकारात्मकता के खिलाफ खड़ा है. अगर राज्य सरकार के लोगों ने देखा है. अगर उन्हें लगता है कि कुछ सही नहीं है तो उस पर फैसला लिया जाना चाहिए.
वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह की फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित करने की मांग पर बघेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि फिल्म देखना मजबूरी नहीं है. भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बात है, उसे देखने मत जाना. इस प्रकार हमारे महापुरुषों, जो हमारे आराध्य हैं, के मुख से ऐसी वाणी कहना उचित नहीं है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
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