रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से सरकार से मांग कर रही है, लेकिन मांगें पूरी नहीं हो रही है. एक बार फिर छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने प्रतिनिधि मंडल ने मंत्रालय और DPI के उच्चाधिकारियों से मुलाकात की. अधिकारियों से शिक्षक हित में विभिन्न मांगों को मजबूती के साथ रखकर जल्द मांगे पूरा करने की मांग की.
प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के मार्गदर्शन में प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य और संचालक DPI से मुलाकात की.
धर्मेश शर्मा और चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के बयान के अनुसार विभाग पदोन्नति व भर्ती की प्रक्रिया को मिशन मोड में पूर्ण करेगी और अन्य मामलों का भी अविलंब समाधान करेगी.
प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि संगठन शिक्षक हित में सदैव प्रयासरत है. शिक्षकों की समस्याओं का हर स्तर पर समाधान करने का प्रयास शालेय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है. उम्मीद है हम उपरोक्त समस्याओं के समाधान को जरूर पा सकेंगे.
शालेय शिक्षक संघ की मांगें
पुरानी सेवा गणना- संविलियन पूर्व सेवाओ के गणना आधार पर पुरानी पेंशन,वरिष्ठता, पदोन्नत्ति/क्रमोन्नत्ति आदि प्रदान करना.
समयमान/क्रमोन्नत्ति- चूंकि एल बी सँवर्ग को 2013 से शिक्षकों के समतुल्य पुनरीक्षित वेतनमान मिला है और इसी आधार पर वर्तमान में सातवां वेतनमान प्रदाय किया जा रहा है. इस लिहाज से अब सभी को एक ही वेतनमान पर 10 वर्ष हो चुके हैं. इसलिए 2023 में पदोन्नत्ति से वंचित एल बी सँवर्ग को समयमान/क्रमोन्नत्ति वेतनमान दिया जाए.
आत्मानंद स्कूलों में संविदा की जगह नियमित पदों का सेटअप हो- आत्मानंद स्कूलों के नाम पर शासकीय स्कूलों के नियमित पद समाप्त कर संविदा भर्ती की जा रही है, जबकि उन स्कूलों में पहले से नियमित कर्मचारी पदस्थ हैं. इसलिए शासकीय नियमित पद के सेटअप को पुनर्जीवित किया जाए और वहां पदस्थ शिक्षकों के हितलाभ पूर्ववत दिए जाए.
पदोन्नत्ति- प्राचार्य, व्याख्याता, व्यायाम शिक्षक, ग्रंथपाल आदि पदों पर अभी तक पदोन्नत्ति नहीं दी गई है. इसलिए अवसर की समानता का ध्यान में रखकर इन पदों पर भी जल्द पदोन्नत्ति हो. शिक्षक पद में हिंदी और संस्कृत विषय की पदोन्नत्ति अवरोध जल्द खत्म कर पदोन्नत्ति दिया जाए.
विभागीय परीक्षा- प्राचार्य के 10% पदों पर सीधी भर्ती के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन जल्द किया जाए.
पदनाम के साथ एल.बी. का अवांछनीय और अनुचित प्रयोग बंद हो- राजपत्र में केवल पदनाम का उल्लेख है जबकि विभागीय कार्यालय पदनाम के साथ एल बी शब्द जोड़कर अनुचित और अवांछनीय प्रयोग कर रहे हैं. इसे तत्काल बंद किया जाए.
पदोन्नत्ति उपरांत सँवर्ग निर्धारण के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाए.
परामर्शदात्री समिति – ब्लॉक से लेकर राज्य तक परामर्शदात्री समिति का गठन और बैठक कराने की मांग की.
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