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छत्तीसगढ़ में 2 महीने में 7 जवानों ने की आत्महत्या: बस्तर के फाइटर जवान ने पिस्टल से खुद को मारी गोली, छुट्टी पर गया था घर

Chhattisgarh Kondagaon Bastar fighter soldier suicide: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में शनिवार रात बस्तर फाइटर के एक जवान ने आत्महत्या कर ली। जवान ने बिस्तर पर पड़े अपने पिस्टल से खुद को गोली मार ली। एसपी वाई अक्षय कुमार ने इसकी पुष्टि की है। घटना उरंदाबेड़ा थाना क्षेत्र की है।

मौके से पिस्टल और मोबाइल भी बरामद किया गया है। घटना की सूचना मिलने पर फरसगांव एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा और केशकाल एसडीओपी भूपत सिंह मौके पर पहुंच गए हैं।

छुट्टी पर गांव गया था जवान

बताया जा रहा है कि, जवान हरिलाल नागकी धनोरा थाने में पदस्थ था। वह फरसगांव ब्लॉक के बरदा गांव का रहने वाला था। हरिलाल छुट्टी पर अपने गांव गया था, जहां उसने खुद को गोली मार ली। फिलहाल आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है।

2 महीने के अंदर यह 7वां मामला

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के जवानों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। इससे पहले 5 जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। एक पुलिस कांस्टेबल की हालत गंभीर थी। इनमें एक एसएसबी कांस्टेबल और एक सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल शामिल हैं।

20 सितंबर: सीआरपीएफ 226 बटालियन का जवान विपुल भुइयां असम का रहने वाला था। वह गादीरास कैंप में तैनात था। शनिवार सुबह जवान ने कैंप के बाथरूम में जाकर खुद को गोली मार ली।

5 सितंबर: कांकेर में एक पुलिस कांस्टेबल ने थाने में ही सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। गोली उसकी कनपटी के आर-पार हो गई। रायपुर के अस्पताल में गंभीर हालत में उसका इलाज कराया गया। मामला ताड़ोकी थाना क्षेत्र का था।

3 सितंबर: उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला जवान राकेश कुमार (31) एसएसबी 33वीं बटालियन में कांस्टेबल के पद पर तैनात था। वह ताड़ोकी थाना क्षेत्र के कोसरोंडा कैंप में ड्यूटी पर था। बताया जा रहा है कि उसने सर्विस राइफल से खुद को सिर में गोली मार ली।

27 अगस्त: दुर्ग में एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के एक कांस्टेबल ने मंगलवार रात इंसास राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान का नाम मनोज कुमार (32) था। वह अंतागढ़ से जनरल ड्यूटी पर एसएसबी क्षेत्रीय मुख्यालय भिलाई आया था। बताया जा रहा है कि वह रात 8:30 बजे से 11:30 बजे तक मुख्य द्वार पर तैनात था।

26 अगस्त: दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के एक हेड कांस्टेबल ने एके-47 से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान का नाम विपिन चंद्रा है। जवान उत्तराखंड का रहने वाला था और सीआरपीएफ 195 बटालियन मुख्यालय बारसूर में तैनात था।

25 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सीआरपीएफ के एक हेड कांस्टेबल ने अपनी सर्विस राइफल से खुदकुशी कर ली। जवान पवन कुमार हरियाणा का रहने वाला था। बीजापुर के पातरपारा में सीआरपीएफ 199 बटालियन का कैंप है। वह यहीं पर तैनात था।

छुट्टी ना मिलना सुसाइड का सबसे बड़ा कारण

बस्तर के बीहड़ों में तैनात जवान सुसाइड कर रहे हैं। इनके सुसाइड की सबसे बड़ी वजह इन्हें समय पर छुट्टियां न मिलना है। हालांकि, कुछ जवान ऐसे भी हैं जो छुट्टी से लौटने के बाद ड्यूटी के दौरान सुसाइड किए हैं। इसकी वजह पारिवारिक कलह सामने आई है।

इसके अलावा फोर्स में बड़े अफसरों के साथ जवानों का कम्युनिकेशन गैप भी होता है, जिससे जवान अफसरों के सामने अपनी समस्या नहीं रख पाते हैं। इसके अलावा जवानों के बीच आपसी-मजाक मस्ती भी इनके सुसाइड करने या फिर अपने साथियों की ही हत्या करने की वजह है।

80% खुदकुशी छुट्‌टी से लौटने के बाद

  • अर्ध सैनिक बलों में 2020 में 3,584 से बढ़कर 2022 में 4,940 हो गई मनोरोग रोगियों की संख्या।
  • 2011 से 2023 तक 1,532 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने खुदकुशी की है (पूर्व अर्ध सैनिक बल कल्याण संघों के परिसंघ की रिपोर्ट)
  • पिछले पांच वर्षों में 6 CAPF के 46,960 कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ी है।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे निपटने के लिए अक्टूबर 2021 में टास्क फोर्स बनाई।
  • टास्क फोर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 80% आत्महत्याएं छुट्टी से लौटने के बाद।

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