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पागल कुत्ते के काटने से गायों की मौत; छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों ने खाई दूध से बनी मिठाई, अब दहशत में लगवा रहे रेबीज का इंजेक्शन

Chhattisgarh Kanker Rabies injection after eating Prasad: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में कथा का प्रसाद खाने के बाद ग्रामीणों को रेबीज का इंजेक्शन लग रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाया है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखे हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर टीकाकरण किया जा रहा है।

दरअसल पंखाजूर के विवेकानंद नगर पंचायत के पीवी-4 गांव के तीन घरों में 1 जून को भगवान सत्यनारायण की कथा हुई थी। कथा में प्रसाद के तौर पर दूध की मिठाई बनाकर लोगों में बांटी गई। जिन दो गायों के दूध से प्रसाद बनाया गया था, उनकी 20 दिन बाद मौत हो गई।

गायों की मौत का पता चला तो इंजेक्शन लगवाने पहुंचे ग्रामीण

दोनों गायों की मौत के बाद ग्रामीणों को पता चला कि कथा से करीब एक महीने पहले उन्हें पागल कुत्तों ने काट लिया था। इसके बाद एक-एक कर ग्रामीण रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचने लगे। स्वास्थ्य विभाग को जब इसकी जानकारी हुई तो गुरुवार को गांव में कैंप लगाया गया।

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दो महीने तक दूध की आपूर्ति जारी रही

गाय मालिकों ने पागल कुत्ते के काटने की बात ग्रामीणों से छिपाई और लोगों को दूध बेचते रहे। खास बात यह है कि पशुपालकों ने दो महीने तक इन गायों का दूध सोसायटी को भी सप्लाई किया। जिससे यह पूरे प्रदेश में बिकता रहा। हालांकि, पशुपालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

150 से अधिक ग्रामीणों ने कराया टीकाकरण

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी पता लगाया जा रहा है कि पूजा में और कौन-कौन शामिल हुआ था। अब तक 150 से अधिक ग्रामीणों को रेबीज का टीका लगाया जा चुका है। ग्रामीणों में किसी तरह का संक्रमण नहीं देखा गया है, लेकिन एहतियात के तौर पर इंजेक्शन लगाया गया है।

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आरएमए ने कहा- कच्चे दूध से बना था प्रसाद

क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी प्रीति लता दास ने बताया कि गांव से मितानिन ने फोन कर बताया कि पागल कुत्ते के काटने से गाय की मौत हो गई है। इससे गांव में भय का माहौल है। उन्होंने बताया कि कच्चे दूध का प्रसाद बनाया गया था। ऐसे में प्रसाद खाने वाले ग्रामीण अपने परिचितों और रिश्तेदारों को बता रहे हैं। उनका भी टीकाकरण किया जा रहा है।

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