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ईसा मसीह पर टिप्पणी, भाजपा विधायक पर FIR: बोलीं थी- अगर ईसा मसीह मरने के बाद जीवित हो सकते हैं, तो कब्रिस्तान की जरूरत क्यों ?

Chhattisgarh Jashpur FIR against BJP MLA Raimuni Bhagat; छत्तीसगढ़ के जशपुर से भाजपा विधायक रायमुनि भगत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईसा मसीह के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में यह एफआईआर दर्ज की गई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधायक को नोटिस जारी कर 10 जनवरी को अपना पक्ष रखने को कहा है।

जब पुलिस ने जशपुर भाजपा विधायक रायमुनि भगत के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया तो 10 दिसंबर 2024 को कोर्ट में याचिका दायर की गई। अब भादंसं की धारा 196, 299 और 302 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

कब्रिस्तान की जरूरत क्यों- रायमुनि

घटना पिछले साल 1 सितंबर को आस्ता थाना क्षेत्र के ढेगनी गांव में हुई थी। रायमुनि भगत इस गांव में भुईहार समाज के सामाजिक भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। इस दौरान धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासी उन पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा रहे हैं।

उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम में संबोधन के दौरान विधायक ने ईसा मसीह पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि अगर ईसा मसीह मरने के बाद जिंदा हो सकते हैं तो धर्मांतरण करने वालों को कब्रिस्तान की क्या जरूरत है?

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पहले पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की

इस बयान को ईसा मसीह का अपमान बताते हुए धर्मांतरण करने वालों ने जिले के सभी थानों और चौकियों में एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। इस पर पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद विधायक के भाषण में कुछ भी विवादित नहीं पाया। आवेदकों को कोर्ट में अपील करने की सलाह दी गई।

इस पर ग्राम ढेगानी निवासी हरमन कुजूर ने 10 दिसंबर 2024 को जिला कोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विष्णु कुलदीप ने 6 लोगों के बयान दर्ज किए और वीडियो की सीडी कोर्ट में पेश की।

न्यायाधीश अनिल चौहान ने याचिकाकर्ता के आरोप को सुनवाई योग्य माना। सुनवाई के बाद विधायक रायमुनि भगत को नोटिस भेजा गया है। उन्हें 10 जनवरी को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वहीं, विधायक रायमुनि भगत ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

जनप्रतिनिधियों पर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की जिम्मेदारी

विधायक रायमुनि भगत के बारे में कोर्ट ने टिप्पणी की है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि पर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से किसी धर्म या समुदाय विशेष के खिलाफ विवादित टिप्पणी की है, जो सही नहीं है।

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