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सल्फी रस की आड़ में कौन बांट रहा ‘जहर’ ? गरियाबंद में नशीली दवा लील गई 10 जिंदगी, 40 ठिकाने, रोजाना 3000 लीटर खपत, नशे में डूबे स्कूली बच्चे

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में गली-गली में मौत परोसने का कारोबार चल रहा है। कमीशन तले सफेद रस की आड़ में जहर बेचा जा रहा है। सल्फी रस में नशीली दवाएं मिलाकर खुलेआम बेचा जा रहा है। नशे के कारोबारियों का 40 से 50 जगहों पर ठिकाने है, जहां रोजाना 3 से 4 हजार लीटर नशीली दवा मिली सल्फी की खपत है। स्कूली बच्चे से लेकर युवा-बुजुर्ग इस नशे की गिरफ्त में हैं। बताया जा रहा है कि इससे अब तक पिछले 8 माह में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

कई युवाओं की किडनी फेल होने से मौत

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: दरअसल, गरियाबंद में सल्फी रस की आड़ में आंध्र से आए लोग नशीली दवा मिलावट वाली रस शौकीनों को परोस रहे हैं। शराब महंगी हुई तो सस्ते नशा का कारोबार भी फल फूल गया है। इस नशे की गिरफ्त में आए कई युवाओं की किडनी फेलियर होने से मौत भी हुई, लेकिन जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए हैं।

अमलीपदर में 300 लीटर रोजाना खपत

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: नशीली पदार्थ से मिलावट हुआ खजूर रस को बेचने का काम धडल्ले से जारी है। देवभोग औऱ अमलीपदर थाना क्षेत्र में लगभग 40 ठिकाने हैं, जहा आंध्र से आए लोग इस सस्ते नशा को सल्फी बता कर बेच रहे हैं। अकेले देवभोग मंडी के पीछे बनी झोपड़ी और अमलीपदर के बीसी पारा में मौजूद ठिकाने में 300 लीटर का खपत है।

2 से 3 हजार लीटर नशीली दवा मिली सल्फी की खपत

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: एक अनुमान के मुताबिक पूरे इलाके भर में रोजाना 2 से 3 हजार लीटर दवा मिला हुआ सल्फी रस गटक जा रहे हैं। ऐसा नहीं कि इस कारोबार की जानकारी जिम्मेदार विभाग को नहीं है। पुलिस और आबकारी की मौन स्वीकृति से यह कारोबार ने अब बड़ा आकार ले लिया है।

सरकारी शराब से सस्ता, तीन गुना बढ़ गई खपत

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: सरकारी शराब की कीमतें आसमान छूने के बाद कथित सल्फी के दीवानों में तीन गुना संख्या का इजाफा हुआ है।50 रुपए लीटर मिलने वाला यह रस 300 रुपए खर्च के बाद मिलने वाले शराब का नशा देता है।

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: सरकारी शराब के कीमत में बढ़ोतरी के बाद एक दिन के हजार लीटर के बजाए 3 हजार लीटर की खपत शुरू हो गई है। इस नशीले पेय में दुर्गंध नही होने के कारण 14 साल से लेकर 22 साल तक के स्कूली छात्र इसका सेवन चाव से कर रहे हैं। इलाके में खजूर पेड़ की संख्या नही के बराबर है।

पिछले 8 माह में 10 से ज्यादा लोगों की मौत

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: पिछले 8 माह में देवभोग के 6 के अलवा पास के लगे अन्य गांव के 4 मिलाकर लगातार सल्फी रस सेवन करने वाले 10 लोगो की मौत हो गई। मरने वालो की उम्र 25 से 40 साल की है। इन सभी का किडनी फेलियर मौत का कारण बना है। 30 से ज्यादा ऐसे युवा अभी भी फेटी लीवर औऱ किडनी की बिमारी से जूझ रहे हैं।

जिम्मेदारों से कारोबारियों का दोस्ताना संबंध

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: सस्ते नशे के इन कारोबारियों का जिम्मेदार दोनो विभाग से मधुर संबंध हैं। विभागों में बाहरी मेंनेजमेंट संभालने वाले कर्मियो के पास सभी के नाम और नंबर मौजूद है। अर्निंग हो या संसाधन जुटाने के लिए ग्राउंड जीरो संभालने वाले कर्मियों के कॉल डिटेल निकाले जाए तो मधुर संबंधों के चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। किसी भी गैर सरकारी आयोजन हो या मेंजमेंट का काम इन्हीं कारोबारियों के सहयोग से निपटाया जाता है। शायद इसी दोस्ताना समंधो के कारण यह कारोबार बे रोक टोक जारी है।

मामले में क्या बोले डॉक्टर प्रकाश साहू ?

Chhattisgarh Gariaband Story on Poisonous Drug-Mixed Sulfi Beer: मामले में जब MP-CG टाइम्स की टीम ने डॉक्टर प्रकाश साहू से नशीली सल्फी के बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि बीयर और दारू में मिलने वाले एल्कोहल की अपेक्षा खजूर रस में मिलावट करने वाले नशीली दवाओं में पाए जाने वाले कंटेंट शरीर के लीवर, किडनी, पाचन तंत्र को ज्यादा इफेक्ट करता है। इसके आलावा यह नशा मानसिक रुप से भी कुप्रभाव डालता है। निरंतर सेवन के बाद नशा का लत लग जाता है। छोड़ने की सोचने पर भी उसे नींद नहीं आती। शरीर के अंगों को बुरी तरह से डैमेज करता है।

सल्फी बियर क्या होता है ?

सल्फी बियर, जिसे कभी-कभी ताड़ी या ताड़ी बियर भी कहा जाता है, एक पारंपरिक भारतीय alcoholic beverage है जो मुख्य रूप से ताड़ के पेड़ (जैसे कि नारियल, ताड़ी, और खजूर के पेड़) के रस से तैयार किया जाता है। इसे तैयार करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. ताड़ के पेड़ का रस निकालना (Extracting Palm Sap): पेड़ के शीर्ष पर एक कट लगाया जाता है और वहां से निकलने वाले रस को एक बर्तन में एकत्र किया जाता है। इस रस को ‘नीरा’ कहा जाता है जब इसे ताजगी के साथ एकत्र किया जाता है।
  2. किण्वन (Fermentation): ताजे नीरा को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे इसमें प्राकृतिक किण्वन होता है और अल्कोहल बनने लगता है। यह किण्वन प्रक्रिया गर्मी के तापमान पर तेजी से होती है, और कुछ ही घंटों में नीरा अल्कोहलिक हो जाती है, जिसे सल्फी या ताड़ी बियर कहा जाता है।
  3. उपभोग (Consumption): तैयार सल्फी बियर को आमतौर पर ताजगी में ही पिया जाता है। इसे ज्यादा देर तक संग्रहीत नहीं किया जाता क्योंकि इसका स्वाद और गुणवत्ता जल्दी बदल जाती है।

सल्फी बियर की कुछ मुख्य विशेषताएँ और उपयोग:

  • स्वाद (Taste): इसका स्वाद मीठा और खट्टा हो सकता है, और यह ताजगी में सबसे अच्छा माना जाता है।
  • अल्कोहल कंटेंट (Alcohol Content): यह एक हल्का अल्कोहलिक पेय है, जिसमें अल्कोहल का प्रतिशत कम होता है, आमतौर पर 4-6% के बीच।
  • पारंपरिक महत्व (Traditional Significance): विभिन्न भारतीय समुदायों में यह पारंपरिक पेय के रूप में प्रचलित है और इसे खास मौकों पर भी पिया जाता है।
  • पोषण (Nutritional Value): इसमें कुछ प्राकृतिक खनिज और विटामिन हो सकते हैं, जो ताड़ के रस से आते हैं, लेकिन किण्वन के बाद इसकी पोषण गुणवत्ता कम हो सकती है।

सल्फी बियर के सेवन के साथ कुछ संभावित स्वास्थ्य जोखिम (Health Risks) भी जुड़े हो सकते हैं, जैसे कि अत्यधिक सेवन से लीवर और पाचन तंत्र की समस्याएं, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, और शारीरिक निर्भरता। इसलिए इसका सेवन संयम और संतुलन के साथ करना चाहिए।

सल्फी बियर के नुकसान 

नुकसानविवरण
स्वास्थ्य जोखिमसल्फी बियर के अत्यधिक सेवन से लीवर की समस्याएं, पाचन तंत्र की समस्याएं, और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
नशासल्फी बियर में अल्कोहल होता है, जिसके अधिक सेवन से नशा हो सकता है, जिससे दुर्घटनाएं और अन्य जोखिम बढ़ सकते हैं।
पोषण की कमीसल्फी बियर में पोषक तत्वों की कमी होती है, और इसका अधिक सेवन करने से शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
मानसिक स्वास्थ्यअल्कोहल का सेवन मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है, जिससे डिप्रेशन, चिंता और अन्य मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
शारीरिक निर्भरतानियमित सेवन से शारीरिक निर्भरता और अल्कोहल की लत लग सकती है।
सोशल समस्याएंअल्कोहल का अत्यधिक सेवन सामाजिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे परिवारिक समस्याएं, दोस्तों से अनबन आदि।
कानूनी समस्याएंनशे में ड्राइविंग या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के कारण कानूनी समस्याएं हो सकती हैं।
आर्थिक नुकसाननियमित अल्कोहल सेवन से आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, क्योंकि इसका खर्च बढ़ सकता है।

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