गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में स्कूल जतन के लिए 90 करोड़ की मंजूरी के बावजूद प्रशासन स्कूल का जतन नहीं करा पाया है। ऐसे में कई स्कूल ऐसे हैं, जिसके संचालन के लिए बेबस लोग सामने आ रहे हैं। जवाबदार अपनी आंखें बंद कर रखे हैं। सरकारी स्कूल चोरी होने पर PM आवास में संचालित हो रहा है। 750 स्कूल जर्जर, शिक्षा गर्त में जा रही ?
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Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: मैनपुर ब्लॉक में मूड़ागाव के चचरापारा प्राथमिक स्कूल का संचालन बेवा गुनो बाई के पीएम आवास में तीन साल से हो रहा है। हैरानी की बात है कि सिस्टम पर गूनो बाई के इस करारे तमाचा के बावजूद किसी जिम्मेदार ने 22 बच्चे पढ़ रहे इस स्कूल के प्रति ध्यान देना भी जरूरी नहीं समझा।
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Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: गुनो बाई का एक बेटा है। बस्ती के भीतर उसका पुराना झोपड़ी है। फिलहाल वो वहीं रह रही है। गुनो बाई ने कहा की बच्चे हमारे भविष्य है। जर्जर भवन में खतरे के बीच स्कूल संचालन को देखते हुए वह अपना आवास को स्कूल संचालन के लिए दे दिया।
बनने से पहले गायब हो गया भवन
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: गांव के पंच कपूर चंद मांझी जिम्मेदारों के एक और करतूत के बारे में खुलासा करते हुए बताया कि स्कूल 1997 में बने भवन में संचालित हो रहा था। मांग के बाद 2006 में नए स्कूल भवन के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत 4.18 लाख की स्वीकृति मिली। भवन का जिम्मा पंचायत और मास्टर जी के जवाबदारी में बन रहा था।
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: नींव और प्लिंथ खड़े हुए फिर अचानक से काम बंद हो गया। 10 साल बाद भवन का नामोनिशान खत्म कर दिया गया। पंच ने कहा कि नए भवन की मांग करने जाते हैं तो रिकार्ड में भवन दिखता है इसलिए नए भवन नहीं मिला।
स्कूल जतन के लिए भी रुचि नहीं दिखाई
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: तमाम कोशिश के बीच जब पिछली सरकार के स्कूल जतन योजना के भवन मरम्मत की सूची में जब चचरापारा का नाम आया तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।1997 के जजर्र भवन के मरम्मत के लिए 10 लाख से ज्यादा की मंजूरी मिली थी, लेकिन यह काम भी प्रशासन नहीं करा पाया।
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Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: बता दें कि मैनपुर ब्लॉक में 267 स्कूल भवन को जतन योजना के लिए चयन किया गया था, लेकिन एक साल में 66 भवन ही आर ई एस विभाग ने मरम्मत करा पाया।मामले के मैनपुर आरईएस एसडीओ उमेस चौधरी चचरापारा स्कूल के हालात से अनभिज्ञ है। कहा कि टेंडर जारी हुए थे। विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते आधा से ज्यादा काम शुरू नहीं हो सके।
जोखिम में पढ़ाई कर रहे मोटरापारा के स्कूली बच्चे
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: सेनमूड़ा पंचायत के आश्रित ग्राम मोटरापारा में स्कूल भवन जर्जर हो चुका है। मरम्मत की सूची में नाम था, लेकिन इसका मरम्मत शुरू नहीं किया गया। सत्र शुरू होते ही जर्जर भवन के छत से रोजाना पपड़ियां भर भरा कर नीचे गिर रही है। बच्चों को चोट न लग जाए इसलिए भवन में पढ़ाना बंद कर दिए हैं।
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Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: मोटरापारा शाला विकास समिति अध्यक्ष टंकेश्वर प्रधान के नेतृत्व में सभी पदाधिकारी नए भवन अथवा मरम्मत की मांग को लेकर एसडीएम और बीईओ को लिखित ज्ञापन सौंपा है।
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: प्रतिनिधि मंडल में आए आकाश प्रधान ने कहा कि जतन योजना में जतन के लिए स्कूल का चयन भी ठेकेदार अपने मर्जी के मुताबिक किए, जिसमें ज्यादा बचत है। वही काम किए बाकी को छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम हितेश पिस्दा ने मरम्मत कार्य कराने का भरोसा दिलाया है।
90 करोड़ मिले खर्च नही कर पाया विभाग
स्कूल जतन योजना में गरियाबंद को 90 करोड़ दिया गया है। 1300 स्कूल बिल्डिंग मरम्मत किए जाने थे पर साल भर में 550 बिल्डिंग मरम्मत हो पाया है। हैरानी की बात है कि खर्च का लेखा जोखा देख रहा शिक्षा विभाग और काम आरईएस विभाग करा रहा है। दोनों ने मिल कर जरूरतमंद स्कूलों के जतन में रुपए खर्च नहीं कर सके हैं।
विधायक के आरोप के बाद निरीक्षण टीम गठित
बीते दिनों कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव ने कांग्रेस सरकार में मिले जतन योजना के खर्च में लापरवाही का बड़ा आरोप लगाया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने मरम्मत हो चुके भवन का परीक्षण निरक्षण करने जिले भर के तकनीकी अफसर व इंजिनियर की टीम को नोडल और जांच अधिकारी बनाया है।
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: जो जिले के पांच ब्लॉक में जतन योजना में 550 स्कूलों में किए गए खर्च का परीक्षण करेंगे। सारे विभाग के इंजीनियर सभी स्कूल जा कर जतन की गुणवत्ता रिपोर्ट बनाएंगे।लेकिन जिस मरम्मत कार्य को शुरू नही किया गया,स्वीकृति राशि का उपयोग साल भर में क्यों नही हो सका उसकी जांच के लिए अब तक कोई कमेटी नही बनाई गई है।
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: जतन योजना में व्यय किए गए राशि का परीक्षण किया जाना उतना जरूरी नहीं है,बल्कि मंजूर राशि का उपयोग क्यों नही किया जा सका,आज कई स्कूल जर्जर हालत में संचालित है,दुर्घटना की संभावना बनी हुई है,पैसे होते हुए भी इन स्कूलों का जतन क्यों नही किया गया ये जानना जरूरी है।इसका जवाब मैं विधान सभा में मंगुगा।
Chhattisgarh Gariaband School in PM Awas: आनंद सारस्वत जिला शिक्षा अधिकारी_ कार्य प्रगति के आधार पर रूपए जारी हुए,जहा खर्च हुए उसका परीक्षण कराया जा रहा है,जिन भवनों के मरम्मत कार्य शुरू नही हुआ है उसे दोबारा शुरू कराए जाने की प्रक्रिया आरईएस विभाग करा रही है । जहा मरम्मत की मांग आ रही है स्टीमेट मंगा कर मरम्मत की मंजूरी विधिवत दी जाएगी।
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