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गरियाबंद जिला अस्पताल से भागे मलेरिया के 20 मरीज: 10-14 साल के बच्चे भी शामिल, जानिए क्या है वजह ?

Chhattisgarh Gariaband district hospital 20 malaria patients ran away: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 19 जुलाई को मलेरिया के 40 गंभीर मरीज गरियाबंद जिला अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था। भर्ती सभी मरीज मैनपुर ब्लॉक के थे, जिनमें से 20 मरीज 20 जुलाई की रात भाग गए। भागने वालों में 10 से 14 साल के बच्चे शामिल हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, बेसराझार के 7 के अलावा भालूकोना, बम्हनी, कुहीमाल, तुहामेटा, सिहार, टांगापानी, कोयबा, कुल्हाड़ी घाट के मरीज हैं। भागने की इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मलेरिया नोडल अधिकारी मैनपुर प्रशासन को इसकी सूचना दे दी है।

खेती के काम का बहाना बनाकर छुट्टी मांग रहे थे

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ मनीष पिल्लई ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों को कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं करना चाहता था। जांच के बाद अभियान चलाकर पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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कृषि कार्य के बहाने माता-पिता मांग रहे थे छुट्टी

कुछ बच्चों के माता-पिता कृषि कार्य के बहाने बार-बार छुट्टी मांग रहे थे। मरीज के पॉजिटिव होने के कारण उसका पूरा इलाज चल रहा था। बैक्टीरिया को मरने में समय लगता है। सभी को 4 से 5 दिन तक डॉक्टरों की निगरानी में इलाज करवाना पड़ा।

डॉक्टर मनीष पिल्लई ने बताया कि अधूरा इलाज मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। पॉजिटिव मरीज के गांव में होने से संक्रमण फैलने का भी खतरा है।

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पहुंचविहीन गांवों में जाकर पहचान करने में जुटा विभाग

पिछले एक सप्ताह से चलाए जा रहे मलेरिया रोधी अभियान में मैनपुर का स्वास्थ्य अमला नदी-नाले पार कर, पहाड़ चढ़ कर पहुंचविहीन गांवों में पहुंचा। मलेरिया की रोकथाम के लिए पूरा अमला दिन-रात काम कर रहा है।

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