: गरियाबंद में 181 करोड़ का घोटाला: 93000 लोगों का डूबा करोड़ों रुपये, ओरिजनल बॉन्ड पेपर की डिमांड, जानिए क्या वापस मिलेंगे पैसे ?
Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों में पैसा गंवाने वाले लोगों का पैसा वापस दिलाने के लिए गरियाबंद जिला प्रशासन ने फिर से अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने निवेशकों से मूल बांड पेपर मांगे हैं, ताकि एफआईआर दर्ज कराकर पैसा वापसी की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: यूपी, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा समेत 11 राज्यों की 260 चिटफंड कंपनियों ने जिले के 93,598 लोगों से 181 करोड़ से अधिक का निवेश कराया था। पैसा वापसी की प्रक्रिया शुरू Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: पिछली सरकार ने चिटफंड में पैसा गंवाने वाले लोगों का पैसा वापस दिलाने का वादा किया था, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर पाई। अब जिला प्रशासन ने फिर से यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने बताया कि पैसा वापसी के मामले में खामियां दूर कर ली गई हैं। निवेशकों से निवेश राशि के बांड पेपर मांगे गए Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने से पहले जिले के पांच अनुविभागों के एसडीएम को निवेशकों से निवेश राशि के बांड पेपर मांगने के निर्देश दिए गए हैं। इस बांड के आधार पर चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। फिर संबंधित फर्म की संपत्ति जब्त कर निवेश की गई राशि वापस दिलाई जा सकेगी। राजिम में सबसे ज्यादा लोग चिटफंड में डूबे Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: 2021 में पिछली सरकार ने चिटफंड कंपनियों से पैसा वापस दिलाने के लिए आवेदन जमा कराए थे। इसके अनुसार गरियाबंद अनुविभाग में 15,856 निवेशकों ने 24.38 करोड़ रुपए निवेश किए। छुरा अनुविभाग में 19,210 लोगों ने 17.90 करोड़, राजिम अनुविभाग में 37,861 लोगों ने 118.26 करोड़, मैनपुर अनुविभाग में 16,334 लोगों ने 14.31 करोड़ और देवभोग अनुविभाग में 6.83 करोड़ रुपए निवेश किए हैं। Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: गरियाबंद में निवेशकों से अपील अपर कलेक्टर ने निवेशकों से अपील की है कि वे अपने मूल बांड पेपर नजदीकी एसडीएम कार्यालय या तहसील कार्यालय में जमा कराएं। जितनी जल्दी बांड जमा होंगे, उतनी जल्दी रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। संपत्ति जब्त करने में दिक्कतें Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: अधिकांश चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों का पता नहीं चल पाया है। कुछ मामलों में पीएसीएल लिमिटेड और साइनिंग इंडिया डेयरी लिमिटेड की संपत्तियों को नीलाम करने की तैयारी की गई थी, लेकिन कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया। अपर कलेक्टर अरविंद पांडे चिटफंड कंपनियों से जुड़ी फाइलों की जांच कर रहे हैं, ताकि पहले की तरह आगे की कार्रवाई में दिक्कत न हो। लुभावने पैकेज पर रसूखदार लोगों को बनाया गया एजेंट Chhattisgarh Gariaband Chit Fund Scam: प्राप्त दावा आवेदन के अनुसार 260 चिटफंड कंपनियों ने 1 अरब 81 करोड़ 71 लाख 23561 रुपए निवेश करवाए। इसके लिए लोगों को चेन प्लानिंग, डबल मनी, कृषि, वानिकी और अन्य आकर्षक योजनाओं का लालच दिया गया। स्थानीय युवाओं, चर्चित चेहरों और रसूखदार लोगों को एजेंट बनाया गया और एजेंटों को आकर्षक पैकेज दिए गए।इन 10 कंपनियों में सबसे ज्यादा निवेश हुआ
- सनसाईन इंफ्राबिल्ड, दिल्ली: 7555 निवेशक, 9.12 करोड़
- आरोग्य धन वर्षा डेवलपर, उज्जैन: 6129 निवेशक, 7.75 करोड़
- साई प्रसाद प्रॉपर्टीज लिमिटेड, पंजीम गोवा: 5680 निवेशक, 13.75 करोड़
- एच बी एन फूड्स लिमिटेड: 4635 निवेशक, 11.70 करोड़
- माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड, ओडिसा: 4568 निवेशक, 10.46 लाख
- पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, जयपुर राजस्थान: 4980 निवेशक, 10.15 करोड़
- साई प्रकाश प्रोपटीज डेवलपर, भोपाल: 3316 निवेशक, 7.6 करोड़
- निजी निर्मल इंफ्रा होम: 3869 निवेशक, 15.74 करोड़
- मिलियन माइल्स इंफ्रा: 3635 निवेशक, 8.73 करोड़
- आरएमपीएल मार्किग प्राइवेट लिमिटेड: 6.58 करोड़
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