
Chhattisgarh Bilaspur Transaction of 3 crores from 60 mule accounts: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर जालसाजों के बड़े नेटवर्क से जुड़े आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपी साइबर जालसाजों के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। साथ ही साइबर जालसाजों को मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराते थे। ऐसे 60 बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनमें 3 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ है।
जांच के बाद पुलिस ने बैंक कर्मचारियों, कारोबारियों समेत 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इनके खातों में जमा 97 लाख रुपए होल्ड करवा दिए गए हैं। साइबर जालसाज इन्हें बैंक खाता और सिम कार्ड उपलब्ध करवाने के लिए 25 हजार से 1 लाख रुपए तक कमीशन देते थे। ये ऑनलाइन लोन, केवाईसी अपडेट, नौकरी, शेयर ट्रेडिंग और सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों को झांसा देकर ठगते थे। नेटवर्क दिल्ली, अलवर तक फैला हुआ था। खबर में आगे बढ़ने से पहले एक साल में एक ही पैटर्न पर ठगी के 4 मामले पढ़िए
केस एक…
रेंज साइबर पुलिस ने 48 लाख 42 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 3 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसियों और निवेश में फंसे पैसे वापस दिलाने का झांसा देकर अपने शिकार से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कराते थे।
सारंगढ़ के सुभाष चंद्र (62) ने रेंज साइबर थाने में ठगी की शिकायत की। उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आया और बीमा पॉलिसी के पैसे वापस दिलाने का लालच दिया। इस दौरान विभिन्न औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र के नाम पर 48 लाख 42 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए गए। केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई और तकनीकी जांच के बाद आरोपियों तक पहुंचा गया।
केस दो…
साइबर रेंज ने ठगी का पर्दाफाश कर गिरोह के मास्टरमाइंड को पकड़ लिया है। मास्टरमाइंड चिराग ठाकोर को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सदस्यों ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर रायगढ़ जिले के एक व्यापारी से 42 लाख रुपए की ठगी की थी। धरमजयगढ़ निवासी आनंद अग्रवाल (45) को स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदकर 3 करोड़ 48 लाख रुपए कमाने का लालच दिया गया था।
केस तीन…
बिलासपुर में ठगों ने रिटायर्ड तहसीलदार का न्यूड वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 10 लाख रुपए ऐंठ लिए, जिसके बाद सेक्सटॉर्शन के शिकार ने पुलिस में केस दर्ज कराया। 2 महीने बाद अब पुलिस ने इस मामले में राजस्थान से 3 ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से मोबाइल, बैंक पासबुक भी जब्त की गई है। मामला कोनी थाना क्षेत्र का है।
केस चार…
इसी तरह बिलासपुर में बटालियन का एक कांस्टेबल फर्जी वीडियो कॉल के जाल में फंसकर तीन लाख 16 हजार रुपए की ठगी का शिकार हो गया। उसके मोबाइल पर एक लड़की के नाम से वीडियो कॉल आया, जिसे रिसीव करने के बाद उसे न्यूड होने का झांसा दिया गया।
इसके बाद कथित युवती ने उसका नग्न वीडियो बना लिया और उसे वायरल करने की धमकी देने लगी। इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को डिलीट करने के बहाने ठगों ने साइबर क्राइम अधिकारी बनकर उससे तीन लाख 16 हजार रुपए ऐंठ लिए। फिलहाल आरक्षक की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। मामला कोनी थाना क्षेत्र का है।
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राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल के जरिए निगरानी
दरअसल, साइबर धोखाधड़ी के मामलों की निगरानी राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल के जरिए की जा रही है। इसकी जांच में 300 से ज्यादा फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड का पता चला है। राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर संदिग्ध पाए गए बैंक खातों की पहचान कर उन्हें खच्चर बैंक खाते बताया गया।
रेंज से जुड़े ऐसे बैंक खातों की जांच करते हुए पीड़ितों से संपर्क कर घटना के संबंध में जानकारी हासिल की गई। इसके बाद मनी म्यूल बैंक खातों और फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले पीओएस एजेंटों के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की योजना बनाई गई।
10 टीमों ने एक साथ 20 स्थानों पर की छापेमारी
साइबर अपराधियों की मदद करने वालों को पकड़ने के लिए आईजी डॉ. संजीव शुक्ला की मॉनिटरिंग में एसपी रजनेश सिंह के निर्देशन में अभियान चलाया गया, जिसमें 10 टीमों ने एक साथ 20 स्थानों पर छापेमारी की। रेंज साइबर थाना और एसीसीयू की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर फर्जी बैंक खाते जब्त किए।
इस दौरान टीम ने फर्जी पीओएस सिम बेचने वाले दुकानदार, कोटक महिंद्रा और एक्सिस बैंक के कर्मचारियों समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अमन-अमित को रोज मिलते थे टारगेट
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वालों में सबसे ज्यादा सक्रिय कोटा के अमन तिवारी और जयरामनगर के अमित पाल थे। इन दोनों को रोज सुबह व्हाट्सएप मैसेज के जरिए बैंक खाते और सिम कार्ड के लिए टारगेट दिए जाते थे। इसके बदले में दोनों को बैंक खाता ब्लॉक होने तक हर दिन दो हजार रुपए प्रति खाते मिलते थे।
दूसरे राज्यों में खच्चर खाते के लिए 25 हजार से 1 लाख
सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि साइबर ठग दूसरे राज्यों में बैंक खाते उपलब्ध कराने वालों को मोटी रकम देते हैं। छत्तीसगढ़ में इनका काम सस्ते में हो रहा था। यहां ठग अपने साथ जुड़े लोगों को नया खाता खुलवाने के लिए हर सुबह एक हजार से दो हजार रुपये बैंक खाते और 500 से 1000 रुपये सिम के लिए देते थे। जबकि, दूसरे राज्यों में सेविंग बैंक खाते के लिए 25 हजार और करंट अकाउंट पर 1 लाख रुपए देना पड़ रहा था।
अब जानिए क्या है म्यूल एकाउंट
दरअसल, साइबर ठगी करने वाले ठगी से वसूली गई रकम अपने बैंक खातों में जमा नहीं कराते, इसके लिए वे दूसरों के बैंक अकाउंट का उपयोग करते हैं। इसके एवज में खातेदार को मोटी रकम दी जाती है। बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम या अवैध धन को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने में करते हैं।
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