छग को स्वच्छ अमृत महोत्सव से मिले 67 अवार्ड: सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा #chhattisgarhnumber1 और #cleanstatechhattisgarh

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया है. यह पुरस्कार उन्हें छत्तीसगढ़ को भारत के स्वच्छतम राज्यों की श्रेणी में रखने की वजह से मिला. आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 20 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यह पुरस्कार भूपेश बघेल को सौंपा. छत्तीसगढ़ राज्य ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश के स्वच्छ्तम राज्य के अपने दर्जे को बरकरार रखते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.
इसके साथ ही जैसी ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह अवार्ड लिया, उसके साथ ही पूरे सोशल मीडिया पर #chhattisgarhnumber1 और #cleanstatechhattisgarh ट्रेंड करने लगा. जिसमें अनेक सोशल मीडिया यूजर भूपेश बघेल को बधाई देते नज़र आए. जिसके जवाब में भूपेश बघेल ने समस्त छत्तीसगढ़ की जनता को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया. बता दें कि छत्तीसगढ़ को कुल 67 अवार्ड से नवाज़ा गया है.
नगर निगमों को मिला पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण, गार्बेज फ्री सिटी के लिए रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, अम्बिकापुर महापौर अजय तिर्की, भिलाई चरोदा के महापौर चंद्रकांत मांडले, बिलासपुर महापौर रामशरन यादव, चिरमिरी की महापौर कंचन जयसवाल, रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू, कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद, राजनांदगांव महापौर हेमासुदेश देशमुख, दुर्ग महापौर धीरज बकलीवाल के साथ ही नगर निगम के आयुक्त, नगर पालिका अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नोडल अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया.
छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक निकाय पुरस्कृत
छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराते हुए देश के स्वच्छ्तम राज्य के अपने दर्जे को बरकरार रखते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. छत्तीसगढ़ को न सिर्फ़ राज्य के रूप में, बल्कि यहां के 61 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया. छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किए जा रहे हैं. स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है.
इस तरह स्वच्छता में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी
स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ से संबंधित हैं. यह बड़ी उपलब्धि है. इस सफलता के पीछे 10 हजार से अधिक स्वच्छता दीदीयां हैं.
गांवों के 7 हजार 500 से अधिक गौठानों में लगभग 5 हजार स्व सहायता समूहों की 70 हजार महिलाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण को बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं. नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम से स्वच्छता अभियान को जोड़ा.
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर जोर दिया. 6-R पॉलिसी यानी रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस, रिफ्यूज के आधार पर काम किया इससे नए अपशिष्ट बनने की मात्रा कम होने लगी. बस्तियों में सामुदायिक और सार्वजानिक शौचालय बनाए.
मानव मल प्रबंधन के लिए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए, जहां सीवर का पानी ट्रीट होता है. लोगों को जागरुक करने के लिए स्वच्छता दीदियों ने डोर-टू-डोर जाकर लोगों को गीला-सूखा कचरा अलग रखने के लिए प्रशिक्षण दिया. नागरिकों की स्वच्छता संबंधी शिकायतों को 24 घंटे के अंदर निपटान के लिए टोल फ्री नम्बर 1100 की व्यवस्था की गई. गूगल से सभी सार्वजानिक एवं सामुदायिक शौचालयों को जोड़ा गया ताकि लोग अपने आस-पास के शौचालय को फोन पर ही सर्च कर सकें. गोधन न्याय योजना से सफाई और आमदनी दोनों बढ़ी.
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