पुष्पराजगढ़। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है. अनूपपुर जिले में भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई. लेकिन पुष्पराजगढ़ में अलग ही नजारा देखने को मिला. जहां बढ़ते अपराध के दौर में बच्चियों को सुरक्षित रखा जाता था, वहां अब शराबियों का जमावड़ा लगने वाला है. जी हां आपने सही पढ़ा. राजेंद्रग्राम बस स्टैड में कन्या छात्रावास है. उसी से सटा एक दुकान है, जहां दोबारा देशी और अंग्रेजी शराब की दुकान खोल दी गई है. जिससे वहां का माहौल कैसा निर्मित होगा, वो आप भली भांति समझ सकते हैं.
दरअसल, जिस कन्या छात्रावास में छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए शराब दुकान को दूसरे जगह ट्रांसफर किया गया था, उसी शराब दुकान को वापस खोल दिया गया है. यह कारनामा किरगी ग्राम पंचायत ने किया है. क्योंकि दुकान पंचायत की ही है, जिसे शराब शॉप खोलने के लिए आबंटित कर दिया गया है. बस स्टैंड में यात्रियों की आवाजाही की वजह से भीड़ होती है. अब शराब प्रेमियों का भी जमावड़ा लग जाएगा. इससे छात्राओं को आने-जाने और रहने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जिसे पंचायत ने नजरअंदाज कर दिया.
पुष्पराजगढ़ से बीजेपी सांसद हिमाद्री सिंह और कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को आते हैं. यदि पंचायत ने बच्चियों की फिक्र नहीं की, तो कम से कम नेताओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए था. लेकिन वो अपनी चमकाने में लगे हुए है, क्योंकि चुनाव का समय आ गया है. यहां जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलनी चाहिए. हालांकि जब राजनीति करनी होती है, तब मैदान में उतरते हैं.
सूत्र ये भी बताते हैं कि बस स्टैंड में चोरी छुपे कच्ची शराब भी जमकर बेची जा रही थी. प्रतिदिन कई लीटर शराब लोग पी जाते होंगे, लेकिन पुलिस इस कार्रवाई नहीं करती है. हालांकि दिखावे के लिए ग्रामीण इलाकों में कच्ची शराब पर कार्रवाई जरूर करती है. ऐसे में बस स्टैंड पर शराबियों का जमावड़ा होने से छात्राओं को कई परेशानियों को गुजरना पड़ सकता है.
किरगी सरंपच अर्जुन सिंह का कहना है कि कलेक्टर सोनिया मीणा और एसडीएम के निर्देश पर छात्रावास के पास पंचायत की दुकान में शराब दुकान खोला गया है. यह दुकान छात्रावास की मेन गेट से 200 मीटर दूर है. इससे किसी भी प्रकार की हानि बच्चियों को नहीं होगी.
बड़ा सवाल यह है कि बस स्टैंड में शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है. बावजूद इसके क्या पंचायत इसकी जिम्मेदारी लेगा कि शराबबियों से छात्राओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. क्योंकि गेट दूर है, लेकिन हॉस्टल 20 से 30 मीटर की दायरे में हैं. ऐसे में बच्चियों पर खतरा मंडराता रहेगा. इस ओर न नेता ध्यान दे रहे न अधिकारी. इन्हें क्या किसी अनहोनी का इंतजार है ?